प्रेम में हैं विभोर हम दोनों,
हो गए हैं किशोर हम दोनों.
हो गए हैं किशोर हम दोनों.
चैन आराम लूट बैठे हैं,
बन गए दिल के चोर हम दोनों,
बन गए दिल के चोर हम दोनों,
रूह से रूह का हुआ रिश्ता,
भावनाओं की डोर हम दोनों,
भावनाओं की डोर हम दोनों,
अग्रसर प्रेम के कठिन पथ पे,
एक मंजिल की ओर हम दोनों,
एक मंजिल की ओर हम दोनों,
किन्तु अपना मिलन नहीं संभव,
हैं नदी के दो छोर हम दोनों..
हैं नदी के दो छोर हम दोनों..