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अनमोल उपहार

मेरी धर्मं पत्नी मनीषा के जन्म दिवस पर 


 "मूल पोस्ट लिंक उच्चारण"
आज
अपने पुत्रतुल्य शिष्य
अरुण शर्मा से फेसबुक पर बात हो रही थी
बातों-बातों में राज़ खुल ही गया कि
आज उनकी जीवन संगिनी 
श्रीमती मनीषा का जन्म दिन है।
आशीर्वाद के रूप में कुछ पंक्तियाँ बन गयीं हैं!
प्यार से खाओ-खिलाओअब मिठाई।
जन्मदिन की है मनीषा को बधायी।।

काटने का केक को अब चलन छोड़ो,
अब पुरातन सभ्यता की ओर दौड़ो,
यज्ञ में सद्भावनाएँ हैं समायी।
जन्मदिन की है मनीषा को बधायी।।

मोमबत्ती मत जलाना और बुझाना,
नेह से तुम आज घृतदीपक जलाना,
अरुण के घर में खुशी की घड़ी आयी।
जन्मदिन की है मनीषा को बधायी।।

प्यार से मनुहार से मन जीत लेना,
गुरुजनों-घर के बड़ों को मान देना,
अरुण के मन को मनीषा खूब भायी।
जन्मदिन की है मनीषा को बधायी।।




लिंक - लिक्खाड़
पूतो फलो मनीष, मनीषा अरुण मुबारक-
मनीषा के जन्मदिवस पर गुरुदेव श्री शास्त्री सर का अनमोल उपहार

 
दूल्हा दुलहन को मिले, सबका स्नेहाशीष |
कहता जग दूधो नहा, पूतो फलो मनीष |

पूतो फलो मनीष, मनीषा अरुण मुबारक |
मानवता से प्रेम, युगल हो प्रेम प्रचारक |

रविकर ब्रेक के बाद, पोतता अपना चूल्हा |
होली के पकवान, ग्रहण कर दुलहिन दूल्हा ||

3 comments:

  1. सुंदर उपहार
    आयुष्मान भव
    आप दोनों के जीवन में खुशियाँ हमेशा बनी रहें

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  2. बहुत सुन्दर लग रहे है आप दोनों ..
    बहुत सुन्दर रचना...
    आप दोनों को शुभकामनाएँ .....
    :-)

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  3. बनी रहे जोडी राजा-रानी की,अनेकानेक मंगल कामनाएं....ढेर सारी बधाइयां...

    शुभकामनाएं!
    शुभदिन की,
    सदा आनंदी हो जीवन
    पूरे हों सब
    सपन अधूरे,
    सुख से महके
    मन-घर-आंगन... !!

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