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भास्कर भूमि.कॉम
आइये आपका स्वागत है
Sunday, March 11, 2012
यूँ देखना मुझको
रख के हाँथ गाल पे यूँ देखना मुझको.
निकाल के दिल जिस्म से फेंकना मुझको.
लग गयी सर्दी मुझे तेरे प्यार की
अपनी गर्म साँसों से ज़रा सेंकना मुझको.
लूट लो मुझको और मुझपे लुट जाओ.
बना के अपना फिर न बेंचना मुझको.
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आइये आपका स्वागत है, इतनी दूर आये हैं तो टिप्पणी करके जाइए, लिखने का हौंसला बना रहेगा. सादर
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