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Monday, June 24, 2013

ग़ज़ल : गिरगिट की भांति बदले जो रंग दोस्तों

फाईलु / फाइलातुन / फाईलु / फाइलुन
वज्न : २२१, २१२२, २२१, २१२

नैनो के जानलेवा औजार से बचें,
करुणा दया ख़तम दिल में प्यार से बचें,

पत्थर से दोस्त वाकिफ बेशक से हों न हों,
है आईने की फितरत दीदार से बचें,

आदत सियासती है धोखे से वार की,
तलवार से डरे ना सरकार से बचें,

महँगाई छू रही अब आसमान को,
परिवार खुश रहेगा विस्तार से बचें,

गिरगिट की भांति बदले जो रंग दोस्तों,
जीवन में खास ऐसे किरदार से बचें,

नफरत नहीं गरीबों के वास्ते सही,
यारों सदा दिमागी बीमार से बचें,

जो चासनी लबों पर रख के चले सदा,
धोखा मिलेगा ऐसे मक्कार से बचें,

19 comments:

  1. अरुण जी बहुत उम्दा ग़ज़ल लिखी है आपने!
    साधुवाद!

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  2. बेहतरीन लव्ज .........नफरत नहीं गरीबों के वास्ते सही ....एक उम्दा गजल

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  3. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार २५ /६ /१३ को चर्चा मंच में राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां हार्दिक स्वागत है ।

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  4. बहुत ही कमाल की गज़ल , बहुत खूब ।

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  5. आदत सियासती है धोखे से वार की,
    तलवार से डरे ना सरकार से बचें,

    महँगाई छू रही अब आसमान को,
    परिवार खुश रहेगा विस्तार से बचें,

    Lazabaab, Bahut Sundar !!

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  6. बहुत ही बेहतरीन गजल...
    :-)

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  7. सही नसीहत देती प्रस्तुति ...

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  8. क्या बात है ?
    नमस्कार
    आपकी यह रचना कल बुधवार (26-06-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधार कर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य रखें |
    सादर
    सरिता भाटिया

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  9. आदत सियासती है धोखे से वार की,
    तलवार से डरे ना सरकार से बचें,


    आदत सियासती है धोखे से वार की,
    तलवार से डरे ना सरकार से बचें,

    समेटे है सियासत के तमाम रंग है ग़ज़ल ,खूब सूरत चयन है सेतुओं का चर्चा -ए -मंच पर ,बिठाया है आपने हमको भी मंच पर .शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया शाश्त्री जी अरुण अनंत जी ......

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  10. गिरगिट की भांति बदले जो रंग दोस्तों,
    जीवन में खास ऐसे किरदार से बचें,..

    क्या बात है ... लाजवाब शेर है .. पूरी गज़ल के शेर कहन की चुस्ती लिए .. स्पष्ट भाव लिए ...

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  11. क्या बात है उम्दा गजल

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  12. गिरगिट की भांति बदले जो रंग दोस्तों,
    जीवन में खास ऐसे किरदार से बचें,..

    क्या बात है ..

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  13. बहुत उम्दा प्रस्तुति !

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  14. achhi nasihat....umda vichar..

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  15. क्या बात है अनंत जी गज़ब लिखते हैं ....!!

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