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Wednesday, June 6, 2012

आँसू

दर्द का हाल, हैं बोलते आँसू ,
भार आँखों का, हैं तोलते आँसू ,
गर्म-२ आह में, हैं खौलते आँसू ,
राज़ दिल का चुपचाप, हैं खोलते आँसू ,
गम का माहौल, हैं घोलते आँसू ,
गिरके आँखों से चेहरे पे, हैं डोलते आँसू ,
दर्द की बात जहन में, हैं टटोलते आँसू,
यादों का मंजर, हैं खंगालते आँसू,
गुजरा लम्हा बार-२, हैं उबालते आँसू,
जख्म का खंजर, हैं उछालते आँसू,
तिनका-२ जिंदगी, हैं पिघालते आँसू,
गहरी खाई में, हैं ढकेलते आँसू,
गड़े मुर्दे, हैं सँभालते आँसू......

5 comments:

  1. आसुओं की गहरी दास्ताँ ...
    क्या क्या नहीं करते आंसू ... बहुत खूब ...

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  2. बढ़िया लेखन.....लेकिन मेरे ख़्याल से आंशू की जगह आँसू होना चाहिए था न या फिर अश्क...

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  3. bilkul sahi kaha arun bhai dard haal bolte hai ansoo..........badhiya rachna

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  4. दिगम्बर जी संजय भाई बहुत बहुत शुक्रिया

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  5. शुक्रिया पल्लवी जी शब्द बदल दिए हैं.

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