एक साथ रह-रहे पर दूरी बड़ी दिलों में,
दोस्तों से ज्यादा दुश्मन हैं महफिलों में,
राहों पर लोग कितने हैं घात लगाये बैठे,
बढ गया जान का, खतरा काफिलों में,
मंहगाई ने बढाया भ्रष्टाचारियों का मुनाफा,
आज झूझ रहा देश अपनों से मुश्किलों में.......
दोस्तों से ज्यादा दुश्मन हैं महफिलों में,
राहों पर लोग कितने हैं घात लगाये बैठे,
बढ गया जान का, खतरा काफिलों में,
मंहगाई ने बढाया भ्रष्टाचारियों का मुनाफा,
आज झूझ रहा देश अपनों से मुश्किलों में.......
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