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Friday, July 27, 2012

शायद मैं नहीं रहा

दोस्त ....दोस्त वो नहीं रहा,
दिल के मारे, दिल नहीं रहा,


बहता पानी, आँख में नमी,
सागर छूटा, अब नहीं रहा,
 

धड़कन धीमी, और हो गयी,
काबू खुद पर, जो नहीं रहा,
 

अब बस तेरा, इंतज़ार है,
इतनी जल्दी, सो नहीं रहा,
 

रुकी सांसे बस, अभी -अभी,
शायद सच में, मैं नहीं रहा..........

9 comments:

  1. बहुत बढ़िया

    सादर

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  2. धन्यवाद यशवंत भाई

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  3. रुकी सांसे बस, अभी -अभी,
    शायद सच में, मैं नहीं रहा..........
    गहरे अहसास लिए रचना...

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    1. बहुत-२ धन्यवाद रीना जी

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  4. Replies
    1. बहुत-२ शुक्रिया सरिता जी

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  5. Replies
    1. धन्यवाद संजय जी शुक्रिया

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