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Sunday, March 11, 2012

सजा

सजा भी दी मुझे तो जीने को दिया, ज़हर अश्को का पीने को दिया.
उम्र भर ढोना है तेरी यादों का बोझ, जलता घर दर्द से बुझाने को दिया.
दिया दिन बेकरारी से भरा हुआ, तोहफा रात का मुझे जगाने को दिया.

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