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Saturday, April 7, 2012

तुझसे महफूज़ हूँ मगर तुझसे ही खतरा है

तुझसे महफूज़ हूँ मगर तुझसे ही खतरा है
तेरी शराफत का डर जहन में मेरे उतरा है
बेवजह तेरा खुद को मुझसे खिलाफ रहना
कोई बात जो चुभी हो मुझको मुआफ करना
तेरी सूरत का बिछाया आँखों में बिस्तरा है
मासूम मेरे दिल से, जफा तुम न करना
धक्कामार दिल से, दफा तुम न करना 
 
लहू के साथ मेरा तेरे प्यार का कतरा है
तस्वीर तेरी दिल के हर दीवार पर छपाई
पूंजी तेरी मोहोब्बत,तेरा इश्क मेरी कमाई
मुझे घायल कर चुका तेरा निगाहों का उस्तरा है

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