कह दी सच्चाई तो बवाल हो गया,
खड़ा पलभर में लाखों सवाल हो गया,
ईमानदारी पर लगाया लांछन बेईमानी नें,
लगता है अच्छाई का इन्तेकाल हो गया,
इस कदर हावी हो गयी है महंगाई,
अब तो सांस लेने में बुराहाल हो गया,
रास्ता रोकें खड़ी हैं मुश्किलें,
गरीब गरीबे से अमीर अमीरी से मालामाल हो गया,
लुटेरे आयें है देश लुटने के लिए,
चोर अपने ही देश का लाल हो गया....
खड़ा पलभर में लाखों सवाल हो गया,
ईमानदारी पर लगाया लांछन बेईमानी नें,
लगता है अच्छाई का इन्तेकाल हो गया,
इस कदर हावी हो गयी है महंगाई,
अब तो सांस लेने में बुराहाल हो गया,
रास्ता रोकें खड़ी हैं मुश्किलें,
गरीब गरीबे से अमीर अमीरी से मालामाल हो गया,
लुटेरे आयें है देश लुटने के लिए,
चोर अपने ही देश का लाल हो गया....
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रोचक सुंदर कविता ।
धन्यवाद!
बहुत-बहुत शुक्रिया जनाब
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