आइये आपका स्वागत है

Thursday, June 21, 2012

एक सवाल खुद से खुद के लिए :

एक सवाल खुद से खुद के लिए :-
 
( कौन हूँ मैं - किसका हूँ मैं - कहाँ हूँ मैं और क्या हूँ मैं )

ना किसी की रातों में, ना किसी की बातों में,
ना किसी की बाहों में, ना किसी की राहों में,
ना किसी की साँसों में, ना किसी की आँखों में,
ना किसी के वादों में, ना किसी की यादों में,
बादल हूँ मैं आवारा, लगता हूँ मैं बंजारा,
कटी पतंग की उझली डोर, न मैं शाम न मैं भोर,
वक़्त की मैं मज़बूरी, अधूरी वस्तु नहीं पूरी,
समंदर की गुजरी लहर, बंजर से बसा शहर,
मोहोब्बत की शिकायत हूँ, बड़ी जालिम बगावत हूँ,
लम्हों की शराफत हूँ, एक पल की आफत हूँ,
बीरानों में खड़ी मंजिल, दर्द हूँ एक मुस्किल,
बिखरी रास्तों की धूल, मैं अनखिला एक फूल,
भटकता एक फ़कीर हूँ, मिट गयी सी लकीर हूँ.....

4 comments:

आइये आपका स्वागत है, इतनी दूर आये हैं तो टिप्पणी करके जाइए, लिखने का हौंसला बना रहेगा. सादर