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Thursday, June 21, 2012

पिता की नसीहतें

पावँ इतना न पसारो की बाहर निकलें चादर से,
करो दुश्मनों का सम्मान अपने घर में आदर से, 
वर्जित है प्रयोग करना, मुख से कटु शब्दों का,
ये सभी नसीहतें,  हैं कमाई मैंने मेरे फादर से,
रखो संभाले दिल में, इंसानियत की भावना,
देश प्रेम करो, ना कि सिर्फ अपने बिरादर से,
आँखों की हया बक्क्षो,बड़े -बुजुर्ग -स्त्रियों को, 
खुद को बचा कर रखना बहुत दूर निरादर से.......

2 comments:

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    सूचनार्थ


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