आइये आपका स्वागत है

Thursday, July 5, 2012

तेरी भीगी निगाहों ने

तेरी भीगी निगाहों ने जब-जब छुआ है मुझे,
तेरा एहसास मिला तो कुछ-कुछ हुआ है मुझे,
फिसल कर छूट गया तेरा हाँथ मेरे हांथो से,
सितम गर ज़माने से मिली बददुआ है मुझे, 
लगी है ठोकर संभालना बहुत मुस्किल है,
घूंट चाहत का लग रहा अब कडुआ है मुझे,
तरसती- बेबाक नज़रें ताकती हैं रास्तों को,
दिखा तेरी सूरत के बदले सिर्फ धुँआ है मुझे....

7 comments:

  1. बहुत बहुत शुक्रिया SIR

    ReplyDelete
  2. **♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**
    ~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~
    *****************************************************************
    बेहतरीन रचना

    सावधान सावधान सावधान
    सावधान रहिए



    ♥ आपके ब्लॉग़ की चर्चा ब्लॉग4वार्ता पर ! ♥

    ♥ सावधान: एक खतरनाक सफ़र♥


    ♥ शुभकामनाएं ♥

    ब्लॉ.ललित शर्मा
    **************************************************
    ~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~
    **♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**

    ReplyDelete
  3. बहुत सुन्दर......
    अनु

    ReplyDelete
  4. आप सभी का तहे दिल से शुर्किया

    ReplyDelete

आइये आपका स्वागत है, इतनी दूर आये हैं तो टिप्पणी करके जाइए, लिखने का हौंसला बना रहेगा. सादर