आइये आपका स्वागत है

Friday, August 3, 2012

जिन्दा हूँ मुझमे अगर तुम हो

साँसों पे छाई खबर तुम हो,
मेरी आँखों की नज़र तुम हो,

हंसा हूँ पाकर साथ तुम्हारा,
खुशियों में होता असर तुम हो,

मर जाऊँगा मैं भूल ना जाना,
जिन्दा हूँ मुझमे अगर तुम हो,

पाके इतना मदहोश हूँ तुमको,
मेरे सपनों का नगर तुम हो,

लाऊँगा तारे फलक से मैं,
तुम्ही जां मेरी जिगर तुम हो........

4 comments:

  1. बहुत सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति...

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीय कैलाश सर आपकी सराहना से मुझे प्रेरणा मिलती है .

      Delete
  2. Replies
    1. धीरेन्द्र सर आपका ये वाह मन को प्रसन्न कर देता है

      Delete

आइये आपका स्वागत है, इतनी दूर आये हैं तो टिप्पणी करके जाइए, लिखने का हौंसला बना रहेगा. सादर