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Wednesday, August 8, 2012

कीमत दर्दे दिल की अदा कर दे

कीमत दर्दे दिल की अदा कर दे,

तू खुद को मेरा खुदा कर दे,

आ जा वापस जिंदगी में फिर,

चाहे सांसों से जुदा कर दे,

गम में जीना हो न हो मरना,

ऐसा मौसम तू सदा कर दे,

तिरछी नज़रों से चला जादू,

मुझको खुदपे तू फ़िदा कर दे,

बेबस लब कह ना सके कुछ भी,

कार्य इतना बेहुदा कर दे.....

11 comments:

  1. गम में जीना हो न हो मरना,
    ऐसा मौसम तू सदा कर दे,

    ....बहुत खूब! सुन्दर गज़ल...

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    1. आदरणीय कैलाश सर इस सराहना के लिए तहे दिल से शुक्रिया

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    1. आदरणीय रविकर सर बहुत-२ शुक्रिया

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  3. वाह ,,, बहुत सुंदर प्रस्तुति,,अरुण जी,,,,

    RECENT POST...: जिन्दगी,,,,

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    1. आदरणीय धीरेन्द्र जी अपना आशीर्वाद यूँ ही बनाये रखिये.

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  4. आपकी पोस्ट कल 9/8/2012 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
    कृपया पधारें

    चर्चा - 966 :चर्चाकार-दिलबाग विर्क

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    1. तहे दिल से शुक्रिया भ्राताश्री, आपने मेरी पोस्ट को सम्मान दिया

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  5. वाह ... बेहतरीन भाव

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  6. बहुत खूब उम्दा प्रस्तुति

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  7. तहे दिल से अभिवादन शुक्रिया आदरणीया राजेश कुमारी जी एवं सदा जी

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