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Friday, September 14, 2012

साफ़ आटा लगे जैसे चोकर मिला

हौसला दिल्लगी का, दिल खोकर मिला,
प्यार मेरे गले मुझको, रोकर मिला,
 

फूल खिल ना सके, चाहत के फिर कभी,
प्रेम मुझको सदा, गम में धोकर मिला,
 
जिंदगी का दिया, जलकर बुझ भी गया,
फासला वक़्त का ना, कम होकर मिला,
 
अश्क हैं बह रहे, भीगी बरसात है,
रात का कारवां, मुझको सोकर मिला,
 
बेवफा है, वफ़ा का, पहने नाकाब है,
साफ़ आटा लगे, जैसे चोकर मिला,

चोकर = छानबुर, आटे को छानने के बाद निकलने वाला पदार्थ.

14 comments:

  1. आटे की चोकर का बहुत सही उदाहरण है इस कविता में |अच्छा कम्पोजीशन |
    आशा

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    1. आदरेया तहे दिल से शुक्रिया आपने मेरी रचना को पसंद किया

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  2. सभी शेर एक से बढ़कर एक ... बेहतरीन प्रस्‍तुति।

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    1. सदा जी आप अपना आशीर्वाद यूँ ही बनाये रखिये

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  3. Replies
    1. आदरणीय रविकर सर बहुत-२ शुक्रिया हिंदी दिवस की शुभकामनाएं

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  4. हिन्दी पखवाड़े की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
    --
    बहुत सुन्दर प्रविष्टी!
    इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (16-09-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

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    1. आदरणीय शास्त्री सर ये मेरी रचना का सौभाग्य है की उसको चर्चा मंच पर स्थान मिलेगा, आपका तहे दिल से धन्यवाद आपको को भी हिंदी पखवाड़े की हार्दिक शुभकामनाएं

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  5. फूल खिल ना सके, चाहत के फिर कभी,
    प्रेम मुझको सदा, गम में धोकर मिला, ..

    बहुत खूब ... उम्दा लिखा है ...

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    1. दिगम्बर सर यूँ ही अपना स्नेह बनाये रखिये, शुक्रिया

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