हौसला दिल्लगी का, दिल खोकर मिला,
प्यार मेरे गले मुझको, रोकर मिला,
प्यार मेरे गले मुझको, रोकर मिला,
फूल खिल ना सके, चाहत के फिर कभी,
प्रेम मुझको सदा, गम में धोकर मिला,
जिंदगी का दिया, जलकर बुझ भी गया,
फासला वक़्त का ना, कम होकर मिला,
फासला वक़्त का ना, कम होकर मिला,
अश्क हैं बह रहे, भीगी बरसात है,
रात का कारवां, मुझको सोकर मिला,
बेवफा है, वफ़ा का, पहने नाकाब है,
साफ़ आटा लगे, जैसे चोकर मिला,
चोकर = छानबुर, आटे को छानने के बाद निकलने वाला पदार्थ.
साफ़ आटा लगे, जैसे चोकर मिला,
चोकर = छानबुर, आटे को छानने के बाद निकलने वाला पदार्थ.
आटे की चोकर का बहुत सही उदाहरण है इस कविता में |अच्छा कम्पोजीशन |
ReplyDeleteआशा
आदरेया तहे दिल से शुक्रिया आपने मेरी रचना को पसंद किया
Deleteसभी शेर एक से बढ़कर एक ... बेहतरीन प्रस्तुति।
ReplyDeleteसदा जी आप अपना आशीर्वाद यूँ ही बनाये रखिये
DeleteBEHTAREEN PRASTUTI....
ReplyDeleteशुक्रिया शारदा जी
Deleteबहुत सुंदर ||
ReplyDeleteआदरणीय रविकर सर बहुत-२ शुक्रिया हिंदी दिवस की शुभकामनाएं
Deleteहिन्दी पखवाड़े की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
ReplyDelete--
बहुत सुन्दर प्रविष्टी!
इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (16-09-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
आदरणीय शास्त्री सर ये मेरी रचना का सौभाग्य है की उसको चर्चा मंच पर स्थान मिलेगा, आपका तहे दिल से धन्यवाद आपको को भी हिंदी पखवाड़े की हार्दिक शुभकामनाएं
Deletebahut sundar rachna .....
ReplyDeleteबहुत-२ शुक्रिया शशी जी
Deleteफूल खिल ना सके, चाहत के फिर कभी,
ReplyDeleteप्रेम मुझको सदा, गम में धोकर मिला, ..
बहुत खूब ... उम्दा लिखा है ...
दिगम्बर सर यूँ ही अपना स्नेह बनाये रखिये, शुक्रिया
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