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Sunday, October 21, 2012

जलता है आफ़ताब

शीतल है बहुत आब,
जलता है आफ़ताब,

बरसाए जब इताब,
भू का बढ़ जाए ताब,
 
चाहत का बद गिर्दाब,
बिखरेंगे टूट ख्वाब,
 
काँटा है यूँ ख़राब,
नाजुक फंसा गुलाब,
 
मन में अल का जवाब,
ढ़ूढ़ो पाओ ख़िताब.


(शब्दों के अर्थ)

आब = पानी
आफ़ताब = सूर्य
इताब = क्रोध
ताब = ताप
बद = बुरा
गिर्दाब = भंवर
अल = कला 

12 comments:

  1. बढ़िया है अरुण जी ।

    शुभकामनायें ।।

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    1. आदरणीय रविकर सर तहे दिल से शुक्रिया आपसे एक गुजारिश है, मुझे अच्छा लगेगा अगर आप सिर्फ अरुन ही कहेंगे.

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  2. शब्दों का समुचित प्रयोग किया है अरुण ...बहुत बढ़िया!

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  3. Replies
    1. बहुत-2 शुक्रिया संध्या जी

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  4. बहुत सुन्दर अरुण भाई.

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    1. शुक्रिया निहार रंजन भाई

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