दिलों के खेल में,
धोखा भरपूर भरा है,
इश्क की मांग में,
गम का सिंदूर भरा है,
दर्द में टूटता,
आशिक मजबूर भरा है,
वफ़ा की राह में,
काँटों का चूर भरा है,
लुटी हैं कश्तियाँ,
सागर मगरूर भरा है,
जुबां पे प्यार की,
जख्मी दस्तूर भरा है,
गुलों के बाग़ में,
भौंरा मशहूर भरा है,
उम्र की दौड़ में,
दिक्कत नासूर भरा है......
धोखा भरपूर भरा है,
इश्क की मांग में,
गम का सिंदूर भरा है,
दर्द में टूटता,
आशिक मजबूर भरा है,
वफ़ा की राह में,
काँटों का चूर भरा है,
लुटी हैं कश्तियाँ,
सागर मगरूर भरा है,
जुबां पे प्यार की,
जख्मी दस्तूर भरा है,
गुलों के बाग़ में,
भौंरा मशहूर भरा है,
उम्र की दौड़ में,
दिक्कत नासूर भरा है......
बहुत ही बढिया लिखा है आपने ... लाजवाब प्रस्तुति।
ReplyDeleteतहे दिल से शुक्रिया सदा जी
Deletebahut sundar abhivyakti hai ..........waah
Deleteबहुत अच्छा प्रयास है |
ReplyDeleteजवाब नहीं मिलता
बहुत-२ शुक्रिया प्रदीप भाई
Deleteस्तरीय प्रस्तुति |
ReplyDeleteबधाई स्वीकारे ||
आदरणीय रविकर सर आपकी बधाई ह्रदय से स्वीकार्य है इसके लिए आपका हार्दिक आभार, आपकी टिपण्णी से सदैव मुझे प्रेरणा मिलती है.
Deletebehtreen likha hai aapne ......
ReplyDeleteरंजना जी बहुत-२ शुक्रिया
Deleteबहुत खूब अरुण जी...इशक कि पेचीदगी से रू ब रू कराती रचना
ReplyDeleteये सच है कि इश्क की राह में, ग़मों के अंगारे होंगे
मगर इस पर चलने वालों के ही, ज़िक्र निराले होंगे..
शालिनी जी आपका जवाब है क्या बात है, आपका तहे दिल से शुक्रिया आपको रचना पसंद आई
Deleteसुर्ख होंठ प्यासे-प्यासे होके सिल जायेंगे,
दर्द आपको भी होगा जब वो मिल जायेंगे.
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
ReplyDeleteइस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (20-10-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ! नमस्ते जी!
आदरणीय शास्त्री सर आपको प्रणाम और नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएं, मेरी रचना को चर्चामंच पर स्थान दिया आपका सदैव आभारी रहूँगा.
Deleteउम्र की दौड़ में,
दिक्कत नासूर भरा है......waakai
शुक्रिया आदरेया रश्मि प्रभा जी
Deleteइश्क की मांग में,
ReplyDeleteगम का सिंदूर भरा है,
...बहुत खूब! बहुत सुन्दर संवेदनशील प्रस्तुति...
आदरणीय कैलाश सर आपके तहे दिल से शुक्रिया
Deleteबहुत सुंदर रचना ! नवरात्रि की आपको भी शुभकामनाएँ !:)
ReplyDelete~आँखों में इश्क़ के.. सपने कितने सजे हैं..
फिर भी देखो ना ! आँसू कितने भरे हैं...~
अनीता जी तहे दिल शुक्रिया
Deleteशशि जी तहे दिल से शुक्रिया
ReplyDeleteबहुत बढियां गजल..
ReplyDeleteबहुत खूब...
:-)
बहुत बढ़िया उम्दा प्रस्तुति,,,,
ReplyDeleteRECENT POST : ऐ माता तेरे बेटे हम
तहे दिल से शुक्रिया धीरेन्द्र सर
Deleteबहुत खूबसूरत भावों मे लिखी रचना, आभार
ReplyDeleteधन्यवाद राजपूत जी
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