मारा-मारा फिरता है,
प्राणी चारों धाम,
मन के भीतर खोजा ना,
कैसे मिलते राम,
जीवन कैसा जीता है,
प्राणी हो गुमनाम,
एक दूजे के हिस्से हैं,
श्री राधे-घनश्याम,
किस्मत अपनी रूठे तो,
बनता बिगड़े काम,
होनी-अनहोनी सब,
भगवन तेरे नाम,
श्री राधा के चरणों में,
नतमस्तक प्रणाम।।
सुन्दर प्रस्तुति |
ReplyDeleteअरुण जी बधाई ||
बहुत-2 शुक्रिया रविकर सर.
Deleteमारा-मारा फिरता है,
ReplyDeleteप्राणी चारों धाम,
मन के भीतर खोजा ना,
कैसे मिलते राम,
....शास्वत सत्य..बहुत सार्थक रचना..
तहे दिल से शुक्रिया कैलाश सर
Deleteसही बात है....
ReplyDeleteमोको कहाँ ढूंढे रे बन्दे.
मैं तो तेरे पास में ना तीरथ में ,
ना मूरत में ना एकांत निवास में
ना मन्दिर में , ना मस्जिद में ना काबे कैलास में
बहुत खूबसूरत रचना
धन्यवाद संध्या जी.
Deleteमन के भीतर खोजा ना,
ReplyDeleteकैसे मिलते राम,
बात तो सही है...
बहुत ही अच्छी रचना,,
:-)
शुक्रिया रीना जी
Deletesunder rachna.....
ReplyDeleteशुक्रिया मृदुला जी.
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ReplyDeleteरविवार, 28 अक्तूबर 2012
तर्क की मीनार
http://veerubhai1947.blogspot.com
भाव अर्थ और संगीत की त्रिवेणी है यह गीत .पूर्ण अन्विति लिए परस्पर .
कैसे मिलते राम
मारा-मारा फिरता है,
प्राणी चारों धाम,
मन के भीतर खोजा ना,
कैसे मिलते राम,
जीवन कैसा जीता है,
प्राणी हो गुमनाम,
एक दूजे के हिस्से हैं,
श्री राधे-घनश्याम,
किस्मत अपनी रूठे तो,
बनता बिगड़े काम,
होनी-अनहोनी सब,
भगवन तेरे नाम,
श्री राधा के चरणों में,
नतमस्तक प्रणाम।।
भैया तेरे गीतों को ,
नित वन्दन अविराम .
हमरे शतश : प्रणाम .
आदरणीय वीरेंद्र सर आपकी टिपण्णी ने गद -गद कर दिया बहुत-2 आभार
Deleteमन के भीतर खोजा ना,
ReplyDeleteकैसे मिलते राम,
... सत्य सार्थक रचना के लिए दिल से बधाई..!!!
शुक्रिया संजय भाई, बधाई स्वीकार्य है आपको अनेक-2 धन्यवाद
Deleteकस्तूरी कुंडल बसे ,मृढूँढे बन माँहिं ..!
ReplyDeleteसत्य कहा है आदरणीया, तहे दिल से शुक्रिया
Deleteजिन खोजा, तिन पाइयां..... बस जरूरत है समर्पण भाव की... आपको भी ज़रूर सफलता मिलेगी... बस प्रयास जारी रखें.
ReplyDeleteशुभकामनाएँ!
बहुत-2 शुक्रिया शालिनी जी
Deleteइस सुंदर रचना के दिल से बधाई स्वीकारे अरुण जी,,,,,
ReplyDeleteRECENT POST LINK...: खता,,,
शुक्रिया आदरणीय धीरेन्द्र सर
Deleteबहुत ही सुंदर प्रस्तुति,,,
ReplyDeleteRECENT POST LINK...: खता,,,
बहुत-2 शुक्रिया धीरेन्द्र सर
Deleteहर बार की तरह ये पोस्ट भी बहुत अच्छी है.
ReplyDeleteबधाई स्वीकार करें !!!
शुक्रिया मित्र
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