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Sunday, February 24, 2013

ग़ज़ल : जिद में



1.  बह्र : मुतकारिब मुसम्मन सालिम
 
दिलों की कहानी बनाने की जिद में,
लुटा दिल मेरा प्यार पाने की जिद में,

बिना जिसके जीना मुनासिब नहीं था,
उसे खो दिया आजमाने की जिद में,

मिली कब ख़ुशी दुश्मनी में किसी को,
ख़तम हो गया सब निभाने की जिद में,

घुटन बेबसी लौट घर फिर से आई,
रहा कुछ नहीं सब बचाने की जिद में,  

तमाशा बना जिंदगी का हमेशा, 
शराफत से सर ये झुकाने की जिद में....

20 comments:

  1. सुन्दर रचना ,ऐसे ही दिल के शब्दों को पन्नों पर उतारते रहो

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  2. कमाल लिखते हो यार। मै आपकी नज्मो ग़ज़ल को पढने के लिए अलग से समय निकालता हूँ।

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  3. बहुत ही सुन्दरतम मित्रवर,किन्तु तीसरे शेर पर अमल नही करेंगे.

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  4. जिद में तो सब कुछ हाथ से निकल जाता है...
    बहुत ही बढ़ियाँ गजल...
    :-)

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  5. बहुत खूब लिखा है .इस पर हमने फेस बुक पर भी टिप्पणी की थी .........

    मिला कुछ नहीं उनको पाने की जिद में ,

    वो रुपहले सपने सजाने की जिद में .

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  6. आपकी टिपण्णी हमें प्रासंगिक बनाए रहती है ,ऊर्जित करती है .शुक्रिया आपका तहे दिल से .

    आपकी प्रस्तुति के नाम एक शैर -मकतबे इश्क का दस्तूर निराला देखा ,उसको छुट्टी न मिली जिसने सबक याद किया .बहुत बढ़िया लिखा है

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  7. वाह!
    आपकी यह प्रविष्टि कल दिनांक 25-02-2013 को चर्चामंच-1166 पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ

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  8. अगरचे जिद है तुम्हें हमसे रूठ जाने की
    हम भी जिद लिए बैठे हैं, तुम्हें अपना बनाने की!.... बहुत लाजवाब गज़ल लिखी है अरुण जी!

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  9. गजल लिखने में आपने महारत हासिल कर ली है,,,,बधाई शुभकामनाए,,,

    Recent post: गरीबी रेखा की खोज

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  10. बहुत सुंदर अरुण
    शायद मैं पहली बार यहां आ पाया हूं, बहुत अच्छा लगा।

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  11. सटीक अभिव्यक्ति ।
    बढिया --

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  12. आभार... बढिया...अभिव्यक्ति!!!

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  13. मिली कब ख़ुशी दुश्मनी में किसी को,
    ख़तम हो गया सब निभाने की जिद में,..

    सच लिखा है ... दुश्मनी निभाने की जिद्द में सब कुछ लुट जाता है ...
    लाजवाब गज़ल है अरुण जी .....

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  14. तमाशा बना जिंदगी का हमेशा,
    शराफत से सर ये झुकाने की जिद में....
    बेहतरीन अभिव्यक्ति साभार

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  15. ज़िन्दगी बिखरती ही चली गयी ,
    ज्यादा से ज्यादा सजाने की जिद में ...

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  16. लाज़वाब...बेहतरीन ग़ज़ल..

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  17. तमाशा बना जिंदगी का हमेशा,
    शराफत से सर ये झुकाने की जिद में...

    बहुत बढ़िया

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