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Wednesday, March 6, 2013

कुण्डलिया

भारत की सरकार में , शकुनी जैसे लोग,
आम आदमी के लिए , नित्य परोसें रोग

नित्य परोसें रोग , नहीं मिलता छुटकारा,
ढूँढे  कौन  उपाय  ,  हुआ  मानव  बेचारा 

महिलायें हर रोज , अपना मान हैं हारत,
बदले रीति रिवाज, बदलता जाए भारत...

11 comments:

  1. बहुत बढ़िया!
    वर्तमान हालात का सही चित्रण किया है आपने!

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  2. बढ़िया कुण्डलियाँ... वर्तमान भारत का लेखाजोखा...

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  3. सामायिक,बेहतरीन कुंडली,,,,

    Recent post: रंग,

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  4. बहुत ही सार्थक कुंडलियाँ है आज के हालात पर,अतिसुन्दर.

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  5. आज के हालत को दर्शाती सटीक कुण्डलियाँ ..
    बेहतरीन....

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  6. आज के हालात को दर्शाती प्रभावशाली कुंडली...

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  7. आजकल के हालत बयाँ करती आपकी ये ताजा गजल बहुत खूब
    वसे भी में आपकी गजल का प्रेमी हूँ बस कोशिस करता हूँ की आप से और आपकी गजलो से सिखु
    इस संदर्भ में मेरा मार्गदर्शन करे
    आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
    तुम मुझ पर ऐतबार करो ।

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  8. बढ़िया है -
    बधाई |

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  9. भारत की सरकार में , शकुनी जैसे लोग,
    आम आदमी के लिए , नित्य परोसें रोग

    नित्य परोसें रोग , नहीं मिलता छुटकारा,
    ढूँढे कौन उपाय , हुआ मानव बेचारा

    महिलायें हर रोज , अपना मान हैं हारत,
    बदले रीति रिवाज, बदलता जाए भारत...

    बहुत सशक्त कुण्डलियाँ हैं जीवन और राजनीतिक विद्रूप से रु -ब -रु .

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  10. वाह ... कमाल का व्यंग है आज के हालात पे ...
    मज़ा आ गया ...

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  11. Na badala bharat
    na badale vichar...

    Par apki rachana se
    shayad badale ye Sansar......

    Ati Sundarrrr Arun Sir..

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