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Friday, November 13, 2015

विवाह की चतुर्थ वर्षगाँठ

अपनी शादी के हुए, वर्ष आज हैं चार ।
अभिवादन शुभकामना, प्रिये करें स्वीकार ।।

एक दूसरे का सदा, रखते हुए ख़याल ।
कटते जाएँ प्रेम से, ये जीवन के साल ।।

तुम जीवन की संगिनी, तुम सुख का आधार ।
प्रिये तुम्हीं से पूर्ण है, मेरा यह संसार ।।
 
 
 
 

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