प्रेम में हैं विभोर हम दोनों,
हो गए हैं किशोर हम दोनों.
हो गए हैं किशोर हम दोनों.
चैन आराम लूट बैठे हैं,
बन गए दिल के चोर हम दोनों,
बन गए दिल के चोर हम दोनों,
रूह से रूह का हुआ रिश्ता,
भावनाओं की डोर हम दोनों,
भावनाओं की डोर हम दोनों,
अग्रसर प्रेम के कठिन पथ पे,
एक मंजिल की ओर हम दोनों,
एक मंजिल की ओर हम दोनों,
किन्तु अपना मिलन नहीं संभव,
हैं नदी के दो छोर हम दोनों..
हैं नदी के दो छोर हम दोनों..
यही तो मुश्किल है - नदी के छोर हैं हम दोनों !
ReplyDeleteअग्रसर प्रेम के कठिन पथ पे,
ReplyDeleteएक मंजिल की ओर हम दोनों,
सफ़र आसन हो ही जाना है जब मंजिल एक ही है . खुबसूरत गज़ल
अग्रसर प्रेम के कठिन पथ पे,
ReplyDeleteएक मंजिल की ओर हम दोनों,
सफ़र आसन हो ही जाना है जब मंजिल एक ही है . खुबसूरत गज़ल
प्रेम और वेदना साथ साथ रहते हैं यहीं शायद प्रेम हैं
ReplyDeletehttp://savanxxx.blogspot.in