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Sunday, March 11, 2012

नापतोल

ना करो प्यार किसी को नापतोल कर.
लुटा दो जान भी अपनी दिल खोल कर.
मिटा के खुद को इस तरह बर्बाद करो.
दो लफ्ज प्यार के, प्यार में बोल कर.

भूल

भूल से जो दिल की तरफदारी कर ली,
दर्द से उम्रभर की रिश्तेदारी कर ली,
मिला कुछ भी नहीं एक बदनामी के शिवा,
मुफ्त में गलती बहुत भारी कर ली,
बेचैनी,बेबसी,बेखुदी और गम का आलम, 
पैदा कैसी ये मैंने बीमारी कर ली,
ढुंढने निकला था ख़ुशी की मंजिल,
प्यार की फिर क्यूँ सवारी कर ली,
दिल अपना तुझपे लुटाने के बाद,  
तुझपे खुद लुट जाने की तैयारी कर ली,
बेवजह जख्मो ने दुश्मनी की मुझसे,
और अश्कों  ने मुझसे यारी कर ली.

यूँ देखना मुझको

रख के हाँथ गाल पे यूँ देखना मुझको.
निकाल के दिल जिस्म से फेंकना मुझको.
लग गयी सर्दी मुझे तेरे प्यार की
अपनी गर्म साँसों से ज़रा सेंकना मुझको.
लूट लो मुझको और मुझपे लुट जाओ.
बना के अपना फिर न बेंचना मुझको.

दो बातें

दो बातें प्यार की बोल कर, दिल ले गयी जिस्म से खोल कर.
बक्श दी मुझे नयी जिंदगी,प्यार की खुशबू सांसो में घोल कर.
अनमोल रिश्ता ये दुनिया का, दुनिया वाले न इसका मोल कर.
इस दौलत की कोई कीमत नहीं, इश्क बिकता नहीं है तोल  कर.

दर्द पुराना

जगा दर्द वही पुराना आज फिर से,
पड़ा अश्को से नहाना आज फिर से,
वही उलझन वही बेचैनी का मौसम,
यूँ तेरी यादों का आना आज फिर से,
करके शिकार मेरा जो मुझे जख्म दिए,
लगा उन जख्मो पे निशाना आज फिर से,
वैसे तो गुजर गए है कई बरस लेकिन,
मेरे साथ है वही जमाना आज फिर से.

बे-इन्तेहाँ चाहत

चाहत मुझसे जब तुझको बे-इन्तेहाँ होगी,
यही बेचैनी फिर तुझको भी वहाँ होगी,
मै तो कह जाऊंगा बात मेरे दिल की,
तेरी हालत नहीं तुझे बयाँ होगी,
तड़प उठेगी मुझसे मिलने के लिए तब,
जब जान मेरी न जाने कहाँ होगी.

दिले नादां

दिले नादां छोड़ दे नादानी.
न कर इस कदर मनमानी.
कहता हूँ पछतायेगा एक दिन
न मोल ले इश्क की निशानी
लालच न कर थोड़ी सी ख़ुशी का
बढेगा दर्द होगी बड़ी परेशानी
गायब होगी होंठो की हंसी
बहेगा आँखों में भरा पानी
तरसेगा तडपेगा चैन पाने को
काम दवा फिर कोई नहीं आनी
रुलाएगी जुदाई फूट-फूट कर
यादें पड़ेगी उम्रभर निभानी
यही दास्ताँ है मोहोब्बत की,
यही है मोहोब्बत की कहानी.

जान जाएगी मेरी

जान जाएगी मेरी मोहोब्बत के इस जहर में.
मै हूँ मेहमान बस एक रात का तेरे शहर में.
पा ली  मोहोब्बत मगर खुद खो दिया मैंने,
थक गया चलते-चलते दर्द की इस डगर में.
देकर दिल मोहोब्बत की थी दौलत खरीदी,
बिक गया मुफ्त में,  चाहत बही  नहर  में,
मिल गया मिटटी में में सपनो का आशियाना
डर - डर के रहता हूँ अब भी उसी कहर में.

दर्द लगते कुछ सगे से है.

खुशियाँ पराई, दर्द लगते कुछ सगे से है.
लिपटे है मुझसे और मुझमे लगे से है.
हंसी हो, ख़ुशी हो या फिर प्यार हो,
छोड़ कर मुझको अकेला ये भगे से है.
चैन से सोती है,  मेरी नींद चुरा कर.
सदियों  बीत गयी हम यूँही जगे से है.

हलचल न हुई

न हलचल हुई न ही कोई शोर हुआ, दर-दे-दिल मुझमे इतना जोर हुआ.
मैंने भूल से जिसे था अपना समझा, उसकी हकीकत तो कोई और हुआ.
यूँ तो मुश्किले बहुत आई जिंदगी में, सबसे मुस्किल ये इश्क का दौर  हुआ.

Saturday, March 10, 2012

ज़रा सी बात

ज़रा सी बात का बताना न बनाना, मुझमे गम का फ़साना न बनाना.
चाहो तो जान ले लो मेरी, मगर उम्र भर दर्द का ठिकाना न बनाना.
जुदा हो जाना जो साथ अच्छा न लगे, लेकिन झूठा बहाना न बनाना.
कि मै तड़पता रहूँ तेरी याद में, ऐसा गुजरा हुआ जमाना न बनाना.

अजब सी ये उलझन

अजब सी ये उलझन, कुछ अलग कशमकश है.
जहर से  भी घातक  मोहोब्बत का रश है.  
संभल जाऊं खुद मै या, संभालूं इस दिल को.
अब नहीं जोर चलता और नहीं चलता वश है.
मेरे ही क़त्ल में मुझे दोष कहती. 
बेवफा है सारी दुनिया , बेवफाई में यश है.  
चला मै जहाँ से, रुका भी वही हूँ.
वही ये घडी है, वही ये बरस है.
तुझे भी तेरे जैसा साथी मिले जो,
यही दिल की इच्छा यही बस तरस है.
कैसे कहूँ क्या हालत है मेरी.
जिन्दा हूँ लेकिन जख्मी हर नस है.
कुछ भी कहे तू, है मैंने ये माना कि .
दिल तोड़ जाने की तुझमे हवस है.

जिन्दा हूँ मगर

जिन्दा हूँ मै, मगर दिल मरा है, सूखा जखम वो अभी तक हरा है.
नयी है मोहोब्बत पर किस्से पुराने, खुशी में नहीं गम में भरा है.  
रोने से कभी दिल नहीं भरता, हसने का मौका मिलता ज़रा है.
कभी तेरे बिन चैन मिलता नहीं था, तुझे से मेरा दिल इतना डरा है.
मंजिल मिलेगी किसी को कहाँ से रास्ता ये मुस्किल बड़ा खुरदरा है .

मोहोब्बत दगा देती है

मोहोब्बत इस कदर दगा देती है, दर्द उम्रभर का जगा देती है.

पराये कर देती है रिश्ते सारे, यादों का साया पीछे लगा देती है.

गम से भर देती है घर सारा, ख़ुशी को मार कर भगा देती है.

सूख पाते नहीं फिर कभी  ये जख्म  इतना ज्यादा सगा देती है.

मिलने आये है मेहमान

मिलने आये है मेहमान मेरे दिल को, करके रखा है परेशान मेरे दिल को.

जखम कुरेदते है हर एक रोज मेरे, यादें करती है बड़ा हैरान मेरे दिल को.

पहले मार दिया जिन्दा धडकनों को, फिर घोषित किया बेजान मेरे दिल को.

प्यार के काबिल न अब समझा मुझको , टूटा समझा है  सामान मेरे दिल को.

जता कर बेंतेहा मोहोब्बत मुझसे , दिया धोखा ऐसा अनजान मेरे दिल को.

खुद को दर्द खुद को दोष दिया मैंने, क्यूँ इतना चाहा है बेईमान तेरे दिल को.