भूल से जो दिल की तरफदारी कर ली,
दर्द से उम्रभर की रिश्तेदारी कर ली,
मिला कुछ भी नहीं एक बदनामी के शिवा,
मुफ्त में गलती बहुत भारी कर ली,
बेचैनी,बेबसी,बेखुदी और गम का आलम,
पैदा कैसी ये मैंने बीमारी कर ली,
ढुंढने निकला था ख़ुशी की मंजिल,
प्यार की फिर क्यूँ सवारी कर ली,
दिल अपना तुझपे लुटाने के बाद,
तुझपे खुद लुट जाने की तैयारी कर ली,
बेवजह जख्मो ने दुश्मनी की मुझसे,
और अश्कों ने मुझसे यारी कर ली.