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Monday, July 23, 2012

इक तरफ - इक तरफ

इक तरफ सुन्दर, जग-जमाना,
इक तरफ लुटता, मैं खज़ाना,
इक तरफ प्याला, है मदहोश,
इक तरफ लब, मेरे खामोश,
इक तरफ बिजली, हैं बादल,
इक तरफ आशिक, मैं पागल,
इक तरफ सागर, है गहरा,
इक तरफ खाली, मैं ठहरा,
इक तरफ खुशियों, के मौसम,
इक तरफ गम में, मैं हरदम,
इक तरफ मस्ती, में सावन,
इक तरफ सूना, मैं आँगन,
इक तरफ क़दमों, में मंजिल,
इक तरफ टूटा हूँ, मैं दिल,
इक तरफ हंसती, है बस्ती,
इक तरफ प्यासी, मैं धरती,
इक तरफ जलती, है आग,
इक तरफ साबुन, मैं झाग,
इक तरफ महफ़िल सुर ताल,
इक तरफ गुजरा, मैं साल,
इक तरफ दुश्मन दिल दीवाना,
इक तरफ जंगल, मैं वीराना...............

12 comments:

  1. इक तरफ महफ़िल सुर ताल, इक तरफ जंगल, मैं वीराना...............

    बहुत बढ़िया प्रस्तुती, सुंदर रचना,,,,,बधाई अरुण जी

    RECENT POST काव्यान्जलि ...: आदर्शवादी नेता,

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  2. बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना..

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  3. आदरणीय धर्मेन्द्र जी एवं कैलाश जी बहुत बहुत शुक्रिया.

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  4. आपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल २४/७/१२ मंगल वार को चर्चा मंच पर चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आप सादर आमंत्रित हैं

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  5. बहुत बहुत बेहतरीन
    भाव अभिव्यक्ति...
    :-)

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  6. बहुत सुंदर !
    एक तरफ कुछ कुछ
    दूसरी तरफ भी कुछ बहुत कुछ !!

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  7. एक तरफ दुनिया भली, भलटी रविकर ओर।

    भलमनसाहत गैर हित, मुझको मार-मरोर ।।

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  8. ला-जवाब" जबर्दस्त!!अरुण जी

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  9. बहुत सुन्दर अरुण जी
    शुभकामनाएं

    अनु

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  10. आप सभी का तहे दिल से शुक्रिया.

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  11. वाह ... भाव पूर्ण ... अच्छी लगी ये रचना ....

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