लगता था, वो खुदा पर,किस्मत था, या जुआ था,....बहुत सुन्दर और सटीक रचना..शुभकामनायें!
बहुत बहुत शुक्रिया SIR
बढ़िया रचना ...शुभकामनायें !
सुन्दर और सटीक..........शुभकामनायें !
आइये आपका स्वागत है, इतनी दूर आये हैं तो टिप्पणी करके जाइए, लिखने का हौंसला बना रहेगा. सादर
लगता था, वो खुदा पर,
ReplyDeleteकिस्मत था, या जुआ था,
....बहुत सुन्दर और सटीक रचना..शुभकामनायें!
बहुत बहुत शुक्रिया SIR
ReplyDeleteबढ़िया रचना ...
ReplyDeleteशुभकामनायें !
सुन्दर और सटीक..........शुभकामनायें !
ReplyDelete