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Wednesday, September 19, 2012

बेवफा है वफ़ा का ज्ञान देती है

बेवफा है, वफ़ा का, ज्ञान देती है,
जख्म देकर दर्द पे, ध्यान देती है,
 

इश्क में मैं जला हूँ, हर घडी यूँ ही,
रोज़ चादर ग़मों की, तान देती है,
 

मैं जिया हूँ, मरा हूँ, साथ यादों के,
मौत का वो मुझे, सामान देती है,
 

खेल है ये मुहब्बत, का बुरा इतना,
जिंदगी को जिंदगी ही, जान देती है,
 

सोंचता हूँ कभी, जो मैं भुलाऊं तो
और भी याद, उस दौरान देती है........

32 comments:

  1. इश्क में मैं जला हूँ, हर घडी यूँ ही,
    रोज़ चादर ग़मों की, तान देती है,..

    इसको इश्क का साइड इफेक्ट भी बोलते हैं ... उसके साथ ही आता है ये गम ... बहुत खूब लिखा है ...

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  2. बहुत खूब पंक्तियाँ....
    हौसला आफजाई के लिए धन्यवाद महाशय

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  3. बहुत-२ शुक्रिया सदा जी

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  4. खूब सूरत रचना
    बेवफा है,
    वफ़ा का,
    ज्ञान देती है,
    जख्म देकर दर्द पे,
    ध्यान देती है,
    इश्क में मैं जला हूँ,
    हर घडी यूँ ही,
    रोज़ चादर ग़मों की,
    तान देती है,
    सादर

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    1. यशोदा दीदी बहुत-२ शुक्रिया, गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं

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    1. शुक्रिया धीरेन्द्र सर

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  6. दीदी बहुत-२ शुक्रिया मेरी रचना को स्थान दिया

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  7. बेवफा है, वफ़ा का, ज्ञान देती है,
    जख्म देकर दर्द पे, ध्यान देती है,
    waah bahut sundar bhav ...
    shubhkamnayen ...!!

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    1. आदरेया अनुपमा जी आपकी सराहना मिली तबियत खुश हो गयी . शुक्रिया

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  8. zindagi ko zindagi hi jaan deti hai!

    nice poem:)

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    1. बहुत-२ शुक्रिया गायत्री जी

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  9. Replies
    1. आदरेया संगीता जी आपको तहे दिल से शुक्रिया

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  10. कोमल भावों की अभिव्यक्ति..
    सोंचता हूँ कभी, जो मैं भुलाऊं तो
    और भी याद, उस दौरान देती है...
    :-)

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    1. रीना जी आपको रचना पसंद आई आपने सराहा आपकी सराहना सर आँखों पर, शुक्रिया

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  11. सोंचता हूँ कभी, जो मैं भुलाऊं तो
    और भी याद, उस दौरान देती है........

    Bhavpurn...bahut sundar

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  12. शुक्रिया प्रकाश भाई

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  13. सुन्दर ग़ज़ल

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  14. बेवफा है, वफ़ा का, ज्ञान देती है,
    जख्म देकर दर्द पे, ध्यान देती है,
    bahut khuubsuurt rachna beta arun ,likhte rho aaashiirvaad

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    1. शुक्रिया माँ आपका आशीर्वाद मिला मैं धन्य हो गया, हूँ ही अपना आशीर्वाद बनाये रखिएगा

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