चाहत के पल,.... बेदाम बेंच दूँ,
फुरसत के दिन, आराम बेंच दूँ,
फुरसत के दिन, आराम बेंच दूँ,
मुस्किल है,... कांटेदार जिंदगी,
फूलों को गम का,...बाम बेंच दूँ,
फूलों को गम का,...बाम बेंच दूँ,
धोखा... बेचैनी.... और... बेबसी,
दिल को दिल का मैं काम बेंच दूँ,
दिल को दिल का मैं काम बेंच दूँ,
गायब हो,, ये,,, मुस्कान होंठ से,
नैनों को इतना,,,,,, जाम बेंच दूँ,
नैनों को इतना,,,,,, जाम बेंच दूँ,
रहता है तन्हा,,, रोज़- रोज़ दिल,
यादों का मैं,,,,,,,, गोदाम बेंच दूँ,
यादों का मैं,,,,,,,, गोदाम बेंच दूँ,
बहुत बढ़िया |
ReplyDeleteबधाई स्वीकारें ||
सर आपकी सराहना सर आँखों पर शुक्रिया
Deleteअभी कुछ दिन और किराये से कमाई कर लो
ReplyDeleteकिराया बहुत महंगा है मित्र अब और नहीं दिया जाता है
Deleteशुक्रिया तहे दिल से शुक्रिया
ReplyDelete.......... बेहतरीन
ReplyDeleteशुक्रिया संजय भाई
Deletekya baat hai.....
ReplyDeleteशुक्रिया मृदुला जी
Deleteवाह ...क्या कहना ....
ReplyDeleteकुछ दिल के ज़ज्बात भी बेचने होंगे ...
अनु जी तहे दिल से शुक्रिया....
Deleteachchhaa likha hai ...!!
ReplyDeleteshubhkamnayen ...
शुक्रिया अनुपमा जी स्नेह का आभारी रहूँगा
Deleteबहुत खूब...सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteसराहना के लिए शुक्रिया मित्र
Deleteblogjagat me nya hoon arun ji
ReplyDeletemargdarshan kare
Raj
http://rajkumarchuhan.blogspot.in/
ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है मित्र.
Delete