अश्कों को बहने का--- बहाना मिल जाये,
टूटे दिल को मेरे ---- ठिकाना मिल जाये,
मांगी है मैंने बस दुआ ----- इतनी रब से,
तुझको मुझसे अच्छा-- दिवाना मिल जाये,
चाहत में प्यार की --किस्मत कुछ ऐसी हो,
सबके दिल को दिल का, खज़ाना मिल जाये,
धीरे-धीरे बढ़ता सिलसिला-- है जख्मों का,
थोडा मरहम मुझको--- लगाना मिल जाये,
साँसे सीने में -------- आखिरी हैं ऐसे में,
गुजरा मुझको मेरा ---- ज़माना मिल जाये,
टूटे दिल को मेरे ---- ठिकाना मिल जाये,
मांगी है मैंने बस दुआ ----- इतनी रब से,
तुझको मुझसे अच्छा-- दिवाना मिल जाये,
चाहत में प्यार की --किस्मत कुछ ऐसी हो,
सबके दिल को दिल का, खज़ाना मिल जाये,
धीरे-धीरे बढ़ता सिलसिला-- है जख्मों का,
थोडा मरहम मुझको--- लगाना मिल जाये,
साँसे सीने में -------- आखिरी हैं ऐसे में,
गुजरा मुझको मेरा ---- ज़माना मिल जाये,
वाह ... वाह बहुत खूब।
ReplyDeleteबहुत-२ शुक्रिया सदा जी
Deleteसाँसे सीने में -------- आखिरी हैं ऐसे में,
ReplyDeleteगुजरा मुझको मेरा ---- ज़माना मिल जाये,
...बहुत खूब! रचना दिल को छू गई...
आदरणीय कैलाश सर मेरी रचना आपके दिल को छू गई इससे ज्यादा ख़ुशी की बात और क्या होगी शुक्रिया सर
Deleteलाजबाव,,,वाह ,,,,,क्या बात है,,,,,,अरुन जी,,,
ReplyDeleteRECENT POST समय ठहर उस क्षण,है जाता
आदरणीय धीरेन्द्र सर आपका स्नेह मिला टिप्पणियों के रूप पे तहे दिल से शुक्रिया
Delete.....बहुत खूब लाजबाब ! अरुन जी
DeleteRecent Post…..नकाब
पर आपका स्वगत है
शुक्रिया संजय भाई
Deleteदिल को छू गयी
ReplyDeleteशुक्रिया मनू जी
Deleteshabdon ka jadu chal gya ...
ReplyDeleteशुक्रिया शारदा जी
Delete.
ReplyDelete♥ मांगी है मैंने बस दुआ … इतनी रब से,
तुझको मुझसे अच्छा… दीवाना मिल जाये ♥
वाऽऽह ! प्यार हो तो ऐसा कि प्रियतमा के लिए ख़ुद से भी अच्छे प्रेमी की कामना की जाए …
बहुत ख़ूब !!
"अनंत" अरुन शर्मा जी
आपकी अन्य रचनाएं भी पढ़ कर आनन्द आया …
आज शायद पहली बार पहुंचा हूं आपके यहां …
फिर आना है अब …
लिखते रहें…
मंगलकामनाओं सहित …
राजेन्द्र स्वर्णकार
राजेन्द्र सर आपके द्वारा इतनी सराहना मिली की ह्रदय गद-गद हो गया, आपका तहे दिल से शुक्रिया.
Deleteसर वो प्रेम ही क्या जिसमे बलिदान न हो
Chhote se bartan men swadisht aur bharpoor khaana.
ReplyDeleteतहे दिल से शुक्रिया सर, आप पहली बार आये आपका स्वागत है.
ReplyDelete