छाया है अकाल -दिल पर,
पाला है बवाल - दिल पर,
बैठा है मलाल - दिल पर,
लाखों हैं सवाल -दिल पर,
यादें हैं हलाल -- दिल पर,
तेरा है खयाल -- दिल पर,
देखा है कमाल --दिल पर,
जलता है मसाल-दिल पर,
जख्मों की मजाल-दिल पर,
करता है धमाल --दिल पर,
मारे है कुदाल ---दिल पर,
दिखता है पताल - दिल पर,
अश्कों का उबाल - दिल पर,
आँखें हैं निहाल ---दिल पर,
आया है भूचाल ---दिल पर,
मौसम है गुलाल --दिल पर.
अश्कों का उबाल ---दिल पर
ReplyDeleteआँखें हैं निहाल--- दिल पर "
पंक्ति बहुत अच्छी लगी |उम्दा प्रस्तुति |
आशा
बहुत-२ शुक्रिया आदरणीया आशा जी
Deleteवाह ... हमेशा की तरह उत्कृष्ट प्रस्तुति।
ReplyDeleteबहुत-२ शुक्रिया सदा जी तहे दिल से आभार
Deleteसारे बवाल,,,,,दिल पर,,बेहतरीन प्रस्तुति,,,
ReplyDeleteRECECNT POST: हम देख न सके,,,
बहुत-२ शुक्रिया धीरेन्द्र सर
Deleteअच्छी प्रस्तुति अनंत जी!
ReplyDeleteशुक्रिया शालिनी जी
Deleteग़ज़ब की कविता ... कोई बार सोचता हूँ इतना अच्छा कैसे लिखा जाता है
ReplyDeleteबहुत-२ शुक्रिया संजय भाई
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