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Monday, November 26, 2012

घातक इश्क का विष

दिल की आदत को, बदला जाएगा,
ये दिल जब अपना, पगला जाएगा,

देखेंगे कितना, दम है इश्क में,
अब साँसों तक, ये मसला जाएगा,

करके कब्ज़ा सब, बैठे चोर हैं,
पकड़ो इनको तो, घपला जाएगा,

दे दे गम अपनी, यादों का अगर,
ये गम ही मुझको, बहला जाएगा,

बरसी है मेरी, आँखों में नमी,
कैसे चाहत का, नजला जाएगा,

घातक है चाहत का, विष जो चढ़ा,
मुस्किल से फिर दिन, अगला जाएगा।

10 comments:

  1. वाह ... बहुत ही बढिया।

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  2. आपकी उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार 27/11/12 को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका चर्चा मंच पर स्वागत है!

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    1. बहुत-2 शुक्रिया आदरणीया

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  3. दिल तो दिल है जी प्रेम के अनुरूप तो होगा ही इस पर किसी का जोर नही चलात है

    फेसबुक थीम को बदले

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    1. बहुत-2 शुक्रिया सैनी साहब

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  4. देखेंगे कितना ,दम है इश्क में ,

    अब साँसों तक ,ये मसला जाएगा .

    साँसों तक ,अब ये मसला जाएगा ,


    घातक है चाहत का, विष जो चढ़ा,
    मुस्किल से फिर दिन, अगला जाएगा।

    मुश्किल से दिन फ़िर अगला जाएगा .

    बढ़िया प्रस्तुति है दोस्त ,इश्क की परवाज़ भी .

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    1. तहे दिल से आभार आदरणीय वीरेंद्र सर

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  5. घातक है चाहत का, विष जो चढ़ा,
    मुस्किल से फिर दिन, अगला जाएगा।
    ........छोटे छोटे लाइन , गंभीर भाव

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