दिल की आदत को, बदला जाएगा,
ये दिल जब अपना, पगला जाएगा,
देखेंगे कितना, दम है इश्क में,
अब साँसों तक, ये मसला जाएगा,
करके कब्ज़ा सब, बैठे चोर हैं,
पकड़ो इनको तो, घपला जाएगा,
दे दे गम अपनी, यादों का अगर,
ये गम ही मुझको, बहला जाएगा,
बरसी है मेरी, आँखों में नमी,
कैसे चाहत का, नजला जाएगा,
घातक है चाहत का, विष जो चढ़ा,
मुस्किल से फिर दिन, अगला जाएगा।
वाह ... बहुत ही बढिया।
ReplyDeleteआपकी उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार 27/11/12 को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका चर्चा मंच पर स्वागत है!
ReplyDeleteबहुत-2 शुक्रिया आदरणीया
Deleteदिल तो दिल है जी प्रेम के अनुरूप तो होगा ही इस पर किसी का जोर नही चलात है
ReplyDeleteफेसबुक थीम को बदले
बहुत-2 शुक्रिया सैनी साहब
Deleteदेखेंगे कितना ,दम है इश्क में ,
ReplyDeleteअब साँसों तक ,ये मसला जाएगा .
साँसों तक ,अब ये मसला जाएगा ,
घातक है चाहत का, विष जो चढ़ा,
मुस्किल से फिर दिन, अगला जाएगा।
मुश्किल से दिन फ़िर अगला जाएगा .
बढ़िया प्रस्तुति है दोस्त ,इश्क की परवाज़ भी .
तहे दिल से आभार आदरणीय वीरेंद्र सर
Deleteलाजवाब...
ReplyDelete:-)
घातक है चाहत का, विष जो चढ़ा,
ReplyDeleteमुस्किल से फिर दिन, अगला जाएगा।
........छोटे छोटे लाइन , गंभीर भाव
शुक्रिया संजय भाई
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