आदरणीय श्री अरुण कुमार निगम सर के द्वारा संशोधित कुण्डलिया प्रथम प्रयास
सोवत जागत हर पिता, करता रहता जाप,
रखना बिटिया को सुखी, हे नारायण आप
रखना बिटिया को सुखी, हे नारायण आप
हे नारायण आप , कृपा अपनी बरसाना
मिले मान सम्मान,मिले ससुराल सुहाना
मिले मान सम्मान,मिले ससुराल सुहाना
बीते जीवन नित्य,प्रेम के पुष्प पिरोवत
अधरों पर मुस्कान,सदा हो जागत सोवत
बहुत अच्छा प्रयास..बेहद प्रभावपूर्ण बन पड़ी है आपकी कुण्डलिय
ReplyDeleteशुक्रिया शालिनी
Deleteबहुत ही सुंदर प्रस्तुति,,,,
ReplyDeleteआज दहेज का रोग भयंकर , घर-घर कैसे दौड रहा,
कितने पिता बेटी की खातिर,मरने को मजबूर हो रहा!
===================================
recent post : नववर्ष की बधाई
वाह क्या बात है धीरेन्द्र सर धन्यवाद
Deletesundar bhavo ko samete prastuti
ReplyDeleteआदरणीया मधु जी आपकी सराहना पाके ह्रदय प्रसन्न हो गया आभार
Deleteबेहद प्रभावपूर्ण
ReplyDeleteधन्यवाद संजय भाई
Deleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति..!
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (30-12-2012) के चर्चा मंच-1102 (बिटिया देश को जगाकर सो गई) पर भी की गई है!
सूचनार्थ!
हार्दिक आभार आदरणीय शास्त्री सर
Deleteअच्छा प्रयास है ... इसी जारी रखेंगे तो प्रवीण हो जाएंगे ...
ReplyDeleteआभार दिगंबर सर आपको सापरिवर सहित नव वर्ष की ढेरों शुभकामनायें
Deleteप्रथम प्रयास ग़जब का रहा ...लगे रहो ...
ReplyDelete:)