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Friday, December 28, 2012

कुण्डलिया प्रथम प्रयास

आदरणीय श्री अरुण कुमार निगम सर के द्वारा संशोधित कुण्डलिया प्रथम प्रयास


सोवत जागत हर पिता, करता रहता जाप,
रखना बिटिया को सुखी, हे नारायण आप 

हे नारायण आप , कृपा अपनी बरसाना
मिले मान सम्मान,मिले ससुराल सुहाना

बीते जीवन नित्य,प्रेम के पुष्प पिरोवत
अधरों पर मुस्कान,सदा हो जागत सोवत 


13 comments:

  1. बहुत अच्छा प्रयास..बेहद प्रभावपूर्ण बन पड़ी है आपकी कुण्डलिय

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  2. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति,,,,
    आज दहेज का रोग भयंकर , घर-घर कैसे दौड रहा,
    कितने पिता बेटी की खातिर,मरने को मजबूर हो रहा!
    ===================================
    recent post : नववर्ष की बधाई

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    1. वाह क्या बात है धीरेन्द्र सर धन्यवाद

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  3. Replies
    1. आदरणीया मधु जी आपकी सराहना पाके ह्रदय प्रसन्न हो गया आभार

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  4. बहुत सुन्दर प्रस्तुति..!
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (30-12-2012) के चर्चा मंच-1102 (बिटिया देश को जगाकर सो गई) पर भी की गई है!
    सूचनार्थ!

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    1. हार्दिक आभार आदरणीय शास्त्री सर

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  5. अच्छा प्रयास है ... इसी जारी रखेंगे तो प्रवीण हो जाएंगे ...

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    1. आभार दिगंबर सर आपको सापरिवर सहित नव वर्ष की ढेरों शुभकामनायें

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  6. प्रथम प्रयास ग़जब का रहा ...लगे रहो ...
    :)

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