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Thursday, January 3, 2013

दानव का किरदार ले गए

जीने के आसार ले गए,
जीवन का आधार ले गए,
भूखों की पतवार ले गए,
लूटपाट घरबार ले गए,
छीनछान व्यापार ले गए,
दौलत देश के पार ले गए,
खुशियों के बाज़ार ले गए,
औषधि और उपचार ले गए,
सारा आदर सत्कार ले गए,
प्रेम भाव त्यौहार ले गए,
पेट्रोल बढ़ाया कार ले गए,
गाड़ी मेरी मार ले गए,
खुद्दारी खुद्दार ले गए,
दानव का किरदार ले गए.

19 comments:


  1. अलग ही अंदाज |
    आभार अरुण ||

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    1. आदरणीय रविकर सर अनेक-२ धन्यवाद

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  2. संसदीय व्यवहार ले गए ,

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    1. तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय वीरेंद्र सर

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  3. बहुत बढिया ...

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  4. अच्छा प्रयास अरुण जी...

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    1. तहे दिल से शुक्रिया शालिनी जी

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  5. सारा आदर सत्कार ले गये।
    बिलकुल सही है वरुण।
    अबकी बार काफी अलग और नए अंदाज़ में लिखा ,और बड़ा अच्छा लिखा।

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    1. बहुत-२ शुक्रिया आमिर भाई

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  6. लोगो की ब्यथा को दर्शाने का एक सुन्दर अंदाज,धन्यवाद।

    राजेन्द्र ब्लॉग

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    1. राजेंद्र सर आपको अंदाज भाया आभार

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  7. सुंदर अंदाज़ में आजके हालत को बयाँ कर दिया. सुंदर कविता.

    शुभकामनायें.

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  8. बहुत खूब .. आज के हालात पे तप्सरा ...
    ऐसा ही रहा तो पता नहीं क्या क्या लूट लेंगे ये ...

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    1. आभार आदरणीय दिगम्बर सर

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  9. आजके हालत को बड़ी ही सुन्दरता से प्रस्तुत किया है आपने अरुण भाई

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  10. आय-हाय ...मजा आ गया ... भाई बहुत खूब

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