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Thursday, April 4, 2013

प्रस्तुत हैं नैनों पर कुछ दोहे

नयन झुकाए मोहिनी, मंद मंद मुस्काय ।
रूप अनोखा देखके, दर्पण भी शर्माय ।।

नयन चलाते छूरियां, नयन चलाते बाण ।
नयनन की भाषा कठिन, नयन क्षीर आषाण ।।

दो नैना हर मर्तबा, छीन गए सुख चैन ।
मन वैरागी कर गए, भटकूँ मैं दिन रैन ।।

आंसू के मोती कभी, मिलते कभी बवाल ।
नैनों की पहचान में, ज्ञानी भी कंगाल ।।

नयना शर्मीले बड़े, नयना नखरे बाज ।
नयनो का खुलता नहीं, सालों सालों राज ।।

नैनो से नैना मिले, बसे नयन में आप ।
नैना करवाएं सदा, मन का मेल मिलाप ।।

जो नैना नीरज भरें, जीतें मन संसार ।
नैना करके छोड़ दें, सज्जन को बेकार ।।

पल पल मैं व्याकुल हुआ, किया नयन ने वार ।
दो नैनो की जीत थी, दो नैनो की हार ।।

23 comments:


  1. सुंदर रचना
    बहुत सार्थक और उत्कृष्ट प्रस्तुति
    बधाई

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  2. नयनों की माया कोई नही समझ पाया ...
    वाह ...बहुत खूब

    पधारिये आजादी रो दीवानों: सागरमल गोपा (राजस्थानी कविता)

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  3. सार्थक दोहे!
    आँखों में समा गये!

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  4. नयनो की भाषा समझ,लगे नैन के तीर
    भले बली हों सूरमा,जाते होय फ़कीर ,,,,,

    बहुत सुंदर दोह,,,अरुन जी,,,

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  5. अरुण जी ... लाजवाब दोहे ... आपके दोहों ने तो नयनों की झील में ही डुबो दिया .. सुन्दर लेखन के लिए बधाई !

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  6. बहुत अच्छा लिखा है . बधाई.

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  7. बिना बोले ही नयनों का जादू सारी दुनिया को समा लेता है -बढ़िया दोहे!

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  8. नैन ही समझे नैनो की भाषा .. जो बात लैब न कह सके वो नैन कह देते हैं ..
    नैनों पर पूरी रामायण लिख दी आपने .. बहुत बढ़िया बधाई लीजिये !

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  9. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार (6-4-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
    सूचनार्थ!

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  10. नयनो का जादू,बहुत ही सुन्दर प्रस्तुतीकरण,आभार.

    जिन नयनों से नयन मिलें हैं
    उन नयनों का हाल न पूछिये
    हम तो ठगे रह गए ऐसे
    क्या था दिल का हाल न पूछिये

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  11. ओह! बहुत सुन्दर… पता नहीं बहकर पढ़े जायें ये दोहे, या बहककर… :)

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  12. आपने इतनी कसी हुई और सुन्दर शब्द चयन और संयोजन के साथ ये रचना प्रस्तुत की है कि पाठक के पास वाह और आह करने के अलावा कुछ बचता नहीं। बार बार, फिर फिर पढ़ेगा। क्या कहूं? कुछ गुंजाइश है ही नहीं कहने को। मुंह बंद कर दिया पाठक का।
    ढेरों बधाई।

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  13. सुंदर नैनों पर उत्कृष्ट रचना...बधाई अन्नत जी...

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  14. सुंदर नैनों पर उत्कृष्ट रचना...बधाई अन्नत जी...

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  15. आंसू के मोती कभी, मिलते कभी बवाल ।
    नैनों की पहचान में, ज्ञानी भी कंगाल ...
    वाह क्या बात है ... सभी दोहे कमाल हैं ... नैनों की भाषा बोलते ..

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  16. वह बहुत सुंदर नैनों का दोहत्मक चित्रण

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  17. गिरा अनयन नयन बिनु बानी
    इन नैनन का कहां कोई सानी ।

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  18. हिंदी लेखनी भी बड़ी कमाल की है आपकी ,जवाब नही लाजवाब।

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  19. आपकी यह रचना दिनांक 07.06.2013 को http://blogprasaran.blogspot.in/ पर लिंक की गयी है। कृपया इसे देखें और अपने सुझाव दें।

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