देह का घर दाह करके,
पूर्ण अंतिम चाह करके,
पूर्ण अंतिम चाह करके,
जिंदगी ठुकरा चला हूँ,
मौत के सँग ब्याह करके,
मौत के सँग ब्याह करके,
खूब सुख दुख ने छकाया,
उम्र भर गुमराह करके,
उम्र भर गुमराह करके,
प्रियतमा ने पा लिया है,
मुझको मुझसे डाह करके,
मुझको मुझसे डाह करके,
पूर्ण हर कर्तव्य आखिर,
मैं चला निर्वाह करके,
मैं चला निर्वाह करके,
पुछल्ला :-
यदि ग़ज़ल रुचिकर लगे तो,
मित्र पढ़ना वाह करके,
यदि ग़ज़ल रुचिकर लगे तो,
मित्र पढ़ना वाह करके,
बहुत खूब बेहतरीन ग़ज़ल
ReplyDeletebehtreen gajal....
ReplyDeleteबहुत अच्छा ब्लॉग है आपका !
ReplyDeleteआपके ब्लॉग को फॉलो कर रहा हूँ
आपसे मेरा अनुरोध है की मेरे ब्लॉग पर आये
और फॉलो करके अपने सुझाव दे !
अतिसुन्दर
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