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Friday, December 7, 2012

कुछ हाइकु

मित्र मित्रता
शिव भोले श्री राम
सत्य सत्यता

गंगा स्नान
सुन्दर हो विचार
अंतर ध्यान

व्याकुल मन
अशांत सरोवर
राम भजन

कर्म प्रधान
सम्पूर्ण परमात्मा
आत्म सम्मान

भीषण ज्वर
होनी हो अनहोनी
श्री गिरधर

गीता का सार
लोक व परलोक
 जीत में हार

जग कल्याण
ब्रम्हा - विष्णु - महेश
आत्मा है प्राण 

Monday, December 3, 2012

कुछ - हाइकु

पराया धन
बढ़ाता परेशानी
मन में चिंता 

बुरी नज़र
जलाती तिल तिल
प्रेम संसार

क्रोधित मन
समझता कब है
अपनी भूल

ज्ञानी ह्रदय
बड़ा शांत स्वभावी
प्रकृति जैसा

फूल के पीछे
पड़ी हवा दिवानी
भौंरा पागल

शाम - सबेरे
है ठण्ड झकझोरे
शीत ऋतु की 

घूमा मंदिर
भगवान को पाया
मन भीतर

माँ की ममता
अथाह पारावार
पार न पाए