ख़ुशी का हँसी का ठिकाना ख़तम,
घरों में दियों का जलाना ख़तम,
घरों में दियों का जलाना ख़तम,
बड़ों के कहे का नहीं मान है,
अदब से सिरों का झुकाना ख़तम,
अदब से सिरों का झुकाना ख़तम,
कहाँ हीर राँझा रहे आज कल,
दिवानी ख़तम वो दिवाना ख़तम,
दिवानी ख़तम वो दिवाना ख़तम,
नियत डगमगाती सभी नारि पे,
दिलों का सही दिल लगाना ख़तम,
दिलों का सही दिल लगाना ख़तम,
गुनाहों कि आई हवा जोर से,
शरम लाज का अब ज़माना खतम,
शरम लाज का अब ज़माना खतम,
मुलाकात का तो समय ही नहीं,
मनाना ख़तम रूठ जाना ख़तम,
मनाना ख़तम रूठ जाना ख़तम,
जुबां पे नये गीत सजने लगे,
पुराना सुना हर तराना ख़तम.....
पुराना सुना हर तराना ख़तम.....
बहुत खूब ... सामाजिक सरोकारों को लिए ... सार्थक गज़ल ...
ReplyDeleteशुक्रिया दिगम्बर सर
Deleteनियत डगमगाती सभी नारि पे,
ReplyDeleteदिलों का सही दिल लगाना ख़तम
जन्म से मरण तक भोगती नारी :((
सामयिक सार्थक अभिव्यक्ति ....!!
आभार माँ जी
Deleteसार्थक व सुन्दर प्रस्तुति,khatam ab n hogi koe bhi kahani,likhe jao har roj tum ak kahani
ReplyDeleteआदरणीया मधु जी धन्यवाद
Deleteएक एक पंक्ति पूरा इतिहास समेटे है-
ReplyDeleteबधाई प्रिय अरुण ||
आदरणीय गुरुदेव श्री रविकर सर आभार
DeleteBahut umda...Arun ji
ReplyDeleteसुरेश जी शुक्रिया
Deleteहमारे समाज के बदलते हालात पर सुन्दरतम ग़ज़ल।
ReplyDeleteराजेंद्र भाई आभार
Deleteहुआ प्रेम दैहिक यहाँ इस कदर ,
ReplyDeleteवो चंदा वो तारों की बातें ख़त्म .
अनेक-अनेक धन्यवाद आदरणीय वीरेंद्र सर
Deleteबहुत कुछ ख़तम हो चुका इस, दुनिया से... अब भी नहीं संभले तो वो दिन दूर नहीं जब हो जाएगी ये दुनिया ख़तम...लाजवाब रचना... शुभकामनायें
ReplyDeleteदीदी आभार स्नेह यूँ ही बनाये रखें
DeleteNICE
ReplyDeleteधन्यवाद वरुण भाई
Deleteलाजवाब प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteचतुर्वेदी सर आभार
Deleteलाजवाब प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteकहाँ हीर राँझा रहे आज कल, दिवानी ख़तम वो दिवाना ख़तम.... आज के हालत को हू-ब-हू पेश करती गज़ल.... बहुत सुन्दर!
ReplyDeleteशालिनी जी शुक्रिया
Deleteएक- एक पंक्ति लाजवाब है...
ReplyDeleteबहुत ही बढ़ियाँ और बेहतरीन गजल...
:-)
रीना बहन आभार
Deleteआपकी पोस्ट की चर्चा 24- 01- 2013 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
ReplyDeleteकृपया पधारें ।
भ्राताश्री धन्यवाद
Deleteबहुत सही बात कही है आपने करें अभिनन्दन आगे बढ़कर जब वह समक्ष उपस्थित हो .
ReplyDeleteआप भी जाने कई ब्लोगर्स भी फंस सकते हैं मानहानि में .......
आभार आदरणीया दीदी जी
Deleteबहुत उम्दा ,,,लाजबाब गजल,,,,
ReplyDeleterecent post: गुलामी का असर,,,
धीरेन्द्र सर धन्यवाद
DeleteBehtreen Panktiyan
ReplyDeleteडॉ. साहिबा शुक्रिया
DeleteBehtreen Panktiyan
ReplyDeleteनियत डगमगाती सभी नारि पे,
ReplyDeleteदिलों का सही दिल लगाना ख़तम
सुन्दर प्रस्तुति!
New post कृष्ण तुम मोडर्न बन जाओ !
आदरणीय प्रसाद सर आभार.
Deleteआभार आदरणीय शास्त्री सर
ReplyDeleteशुक्रिया आपकी टिपण्णी का .
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ReplyDeleteभारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुषमा स्वराज ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री सुशीलकुमार शिंदे को हिंदू आतंकवाद पर उनकी टिप्पणी के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाना चाहिए क्योंकि इससे राष्ट्रीय हितों को चोट पहुंची है। सुषमा ने शिंदे को अपनी सीमाएं न लांघने की हिदायत देते हुए कहा कि कांग्रेस को लाभ पहुंचाने या भाजपा को नुकसान पहुंचाने की हद तक राजनीति की जा सकती है लेकिन इसे उस स्तर पर नहीं ले जाया जा सकता, जहां इससे राष्ट्रीय हित प्रभावित हों।
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा यहां जंतर मंतर पर एक विरोध रैली को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस मुद्दे पर माफी मांगें। उन्होंने कहा, "सोनिया गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए और शिंदे को बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए।" सुषमा ने शिंदे के सम्बंध में कहा, "आपने ऐसे समय में राष्ट्रीय हितों को चोट पहुंचाई है, जब पाकिस्तान की ओर से हमारे सैनिकों के सिर कलम किए गए हैं। आप पाकिस्तान पर हमला नहीं कर रहे हैं लेकिन मुख्य विपक्षी दल पर हमला कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "आप दुनिया से क्या कहना चाहते हैं? क्या आप कहना चाहते हैं कि पाकिस्तान में आतंकवादी शिविर हो सकते हैं लेकिन यहां मुख्य विपक्षी दल आतंकवादी शिविर चला रहा है! क्या आप कहना चाहते हैं कि आतंकवादी संसद में बैठे हैं? लोकसभा में विपक्ष की नेता एक आतंकवादी संगठन चला रही हैं?" गौरतलब है कि शिंदे ने जयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर के दौरान रविवार को कहा था, "भाजपा हो या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) उनके प्रशिक्षण शिविर हिंदू आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं।" शिंदे की इस टिप्पणी के खिलाफ भाजपा गुरुवार को देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन कर रही है।
यह तो शुरुआत है प्रदर्शन ज़ारी रहेंगे .इस देश का स्वाभिमान मरा नहीं है अंधा राजा ,गूंगी रानी ,दिल्ली की अब यही कहानी .बदली जायेगी ये कहानी .
बढ़िया प्रस्तुति .
ख़ुशी का हँसी का ठिकाना ख़तम,
ReplyDeleteघरों में दियों का जलाना ख़तम,
bahut badhiya..