आइये आपका स्वागत है

Wednesday, March 13, 2013

चाहत अथाह है

ना देखा आपने,
चाहत अथाह है,

मुखड़ा आपका,
रखती निगाह है,

मैं पूजूं आपको,
दिल की सलाह है,

मेरी तो आपमें,
मंजिल है राह है,

रजा में आपकी,
सब कुछ पनाह है,

सिर्फ ये दिल नहीं,
जान भी तबाह है.

6 comments:

  1. वाह क्या बात है ?

    ऐसी ही चाहत की,
    दोस्तों को चाह है.

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  2. बहुत ही सुन्दर सार्थक प्रस्तुति मित्र.

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  3. भाई मेरी तो वाह वाह है-
    बधाईयाँ

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  4. आपकी प्रविष्टि कल चर्चा मंच पर है
    धन्यवाद

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