खंज़र वो सितमगर, लफ़्ज़ों से उतारे,
ठहरीं हैं कश्तियाँ, यादों के किनारे,
 
ठहरीं हैं कश्तियाँ, यादों के किनारे,
 उलझन है बेबसी, छाई है उदासी,
मैं तन्हा रह गया, अश्कों के सहारे,
 
मैं तन्हा रह गया, अश्कों के सहारे,
मंजिल है दूर, मुस्किल है राह दोस्तों,
अब नज़रों को, नहीं जंचते है नज़ारे,
 
अब नज़रों को, नहीं जंचते है नज़ारे,
चुभते हैं फूल, काटों से रोज़ मुझको,
फूलों को कौन है, आखिर जो सुधारे,
 
फूलों को कौन है, आखिर जो सुधारे,
ताज़ी -ताज़ी रही, हर पल याद मुझमे, 
बुझती हर सांस आजा, तुझको पुकारे.......
बुझती हर सांस आजा, तुझको पुकारे.......