आँखों से जो हंसा तो सागर छलक गया,
सारा का सारा गम फिर मेरा झलक गया,
सारा का सारा गम फिर मेरा झलक गया,
ना पलटी, ना ही देखा, इक भी बार मुझे,
मैं पीछे - पीछे उसके, मीलों तलक गया,
मेरी चिल्लाहट, ना मेरी आवाज सुनी,
धीरे - धीरे भारी, हो मेरा हलक गया,
धीरे - धीरे भारी, हो मेरा हलक गया,
इतना कुछ, पल दो पल में, मेरे संग हुआ,
बारिश ही बारिश, भर मुझमे फलक गया,
बारिश ही बारिश, भर मुझमे फलक गया,
कुछ ऐसे दोस्तों, थी मेरी तकदीर जली,
चिंगारी भड़की सीने में, मैं बलक* गया.
चिंगारी भड़की सीने में, मैं बलक* गया.
*बलक = उबलना