कहानी प्रेम की लिख दो,
ह्रदय का पृष्ठ सादा है,
यही दिल की तमन्ना है,
तुम्हारा क्या इरादा है,
सुनो पर छोड़ मत देना,
इसी का डर जियादा है,
कभी ये कह न देना तुम,
कि वादा सिर्फ वादा है,
जुए की तुम महारानी,
बेचारा दिल तो प्यादा है....
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गिला शिकवा शिकायत है,
मुहब्बत पर निहायत है,
खुदा का है करम लेकिन,
तुम्हारी भी इनायत है,
कभी मेरी खिलाफत तो,
कभी मेरी हिमायत है,
(हिमायत - तरफदारी)
बुराई देखती हो तुम,
कभी देखो किफ़ायत है,
(किफ़ायत - गुण)
सदा दिल को दुखाने का,
तुम्हें हक़ है रियायत है....