मारा-मारा फिरता है,
प्राणी चारों धाम,
मन के भीतर खोजा ना,
कैसे मिलते राम,
जीवन कैसा जीता है,
प्राणी हो गुमनाम,
एक दूजे के हिस्से हैं,
श्री राधे-घनश्याम,
किस्मत अपनी रूठे तो,
बनता बिगड़े काम,
होनी-अनहोनी सब,
भगवन तेरे नाम,
श्री राधा के चरणों में,
नतमस्तक प्रणाम।।