दिलों के खेल में अक्सर,
लगे है जान की लागत,
लगे है जान की लागत,
दर्द में रो रहा है दिल,
पड़ी है रोज की आदत,
पड़ी है रोज की आदत,
कहीं है दूर कोई तो,
कहीं फिर आज है स्वागत,
कहीं फिर आज है स्वागत,
लुटा है चैन जब से दिल,
लगे हर रात को जागत,
लगे हर रात को जागत,
खड़ा हो चल नहीं सकता,
बचे इतनी नहीं ताकत,
बचे इतनी नहीं ताकत,
जले जब याद दिल में वो,
बयां होती नहीं हालत....
बयां होती नहीं हालत....