दिलों के खेल में,
धोखा भरपूर भरा है,
इश्क की मांग में,
गम का सिंदूर भरा है,
दर्द में टूटता,
आशिक मजबूर भरा है,
वफ़ा की राह में,
काँटों का चूर भरा है,
लुटी हैं कश्तियाँ,
सागर मगरूर भरा है,
जुबां पे प्यार की,
जख्मी दस्तूर भरा है,
गुलों के बाग़ में,
भौंरा मशहूर भरा है,
उम्र की दौड़ में,
दिक्कत नासूर भरा है......
धोखा भरपूर भरा है,
इश्क की मांग में,
गम का सिंदूर भरा है,
दर्द में टूटता,
आशिक मजबूर भरा है,
वफ़ा की राह में,
काँटों का चूर भरा है,
लुटी हैं कश्तियाँ,
सागर मगरूर भरा है,
जुबां पे प्यार की,
जख्मी दस्तूर भरा है,
गुलों के बाग़ में,
भौंरा मशहूर भरा है,
उम्र की दौड़ में,
दिक्कत नासूर भरा है......