आइये आपका स्वागत है

Monday, September 24, 2012

तुझको मुझसे अच्छा दिवाना मिल जाये

अश्कों को बहने का--- बहाना मिल जाये,
टूटे दिल को मेरे ---- ठिकाना मिल जाये,
 

मांगी है मैंने बस दुआ ----- इतनी रब से, 
तुझको मुझसे अच्छा-- दिवाना मिल जाये,
 

चाहत में प्यार की --किस्मत कुछ ऐसी हो,
सबके दिल को दिल का, खज़ाना मिल जाये,
 

धीरे-धीरे बढ़ता सिलसिला-- है जख्मों का,
थोडा मरहम मुझको--- लगाना मिल जाये,
 

साँसे सीने में -------- आखिरी हैं ऐसे में,
गुजरा मुझको मेरा ---- ज़माना मिल जाये,

Saturday, September 22, 2012

कीमत चाहत की

कीमत चाहत की अदा कर भूल गई,
वो खुद से मुझको जुदा कर भूल गई,
 

नम नैना मेरे, ---- उम्र भर संग रहे,
जुल्मी मुझको, गुदगुदा कर भूल गई,
 

मुझमे कायम, यूँ दर्द-गम-जखम रहा,
खुद को मेरा वो,--- खुदा कर भूल गई,
 

चाहा जब तक खूब मुझको प्यार किया,
फिर वो अपना,-- फायदा कर भूल गई,


मांगे मैंने फूल------ उससे प्यार भरे,
बोझा काँटों का,---- लदा कर भूल गई....

Thursday, September 20, 2012

यादों का मैं गोदाम बेंच दूँ

चाहत के पल,.... बेदाम बेंच दूँ,
फुरसत के दिन, आराम बेंच दूँ,
 
मुस्किल है,... कांटेदार जिंदगी,
फूलों को गम का,...बाम बेंच दूँ,
 
धोखा... बेचैनी.... और... बेबसी,
दिल को दिल का मैं काम बेंच दूँ,
 
गायब हो,, ये,,, मुस्कान होंठ से,
नैनों को इतना,,,,,, जाम बेंच दूँ,
 
रहता है तन्हा,,, रोज़- रोज़ दिल,
यादों का मैं,,,,,,,, गोदाम बेंच दूँ,

Wednesday, September 19, 2012

बेवफा है वफ़ा का ज्ञान देती है

बेवफा है, वफ़ा का, ज्ञान देती है,
जख्म देकर दर्द पे, ध्यान देती है,
 

इश्क में मैं जला हूँ, हर घडी यूँ ही,
रोज़ चादर ग़मों की, तान देती है,
 

मैं जिया हूँ, मरा हूँ, साथ यादों के,
मौत का वो मुझे, सामान देती है,
 

खेल है ये मुहब्बत, का बुरा इतना,
जिंदगी को जिंदगी ही, जान देती है,
 

सोंचता हूँ कभी, जो मैं भुलाऊं तो
और भी याद, उस दौरान देती है........

Sunday, September 16, 2012

दुश्मन तुझे दिल का कट्टर बना के

दुश्मन तुझे दिल का, कट्टर बना के,
पूजा करूँ तुझको, पत्थर बना के,
 

सोता रहूँ जीवन भर, चैन से मैं,
काटों तले अपना, बिस्तर बना के,
 

चल दी कहाँ ऐसे, जल्दी जुदा हो,
मेरी दशा इतनी, बत्तर बना के,
 

ना तो दुआ से, ना राहत दवा से,
तुमने थमाया गम, गठ्ठर बना के,
 

शिकवा गिला करता हूँ, रोज़ तुझसे,
तेरे खयालों का, उत्तर बना के....

Friday, September 14, 2012

साफ़ आटा लगे जैसे चोकर मिला

हौसला दिल्लगी का, दिल खोकर मिला,
प्यार मेरे गले मुझको, रोकर मिला,
 

फूल खिल ना सके, चाहत के फिर कभी,
प्रेम मुझको सदा, गम में धोकर मिला,
 
जिंदगी का दिया, जलकर बुझ भी गया,
फासला वक़्त का ना, कम होकर मिला,
 
अश्क हैं बह रहे, भीगी बरसात है,
रात का कारवां, मुझको सोकर मिला,
 
बेवफा है, वफ़ा का, पहने नाकाब है,
साफ़ आटा लगे, जैसे चोकर मिला,

चोकर = छानबुर, आटे को छानने के बाद निकलने वाला पदार्थ.

Wednesday, September 12, 2012

हूँ मैं चुप तू भी बोलना छोड़ दे

नम नैनो में गम, घोलना छोड़ दे,
हूँ मैं चुप तू भी, बोलना छोड़ दे,

है वादा तुम्हे मैं, भुला दूँ अभी,
तू यादों में गर, डोलना छोड़ दे,

कुछ पल के लिए, सूख जाये नमी,
तू अश्कों का नल, खोलना छोड़ दे,

जिद ना कर कहना, मान भी जा कभी,
दौलत चाहत की, तोलना छोड़ दे,

जाती दिल से मेरे, दरारें नहीं,
भूले बिसरे पल, छोलना छोड़ दे...

छोलना = छीलना 

Monday, September 10, 2012

अपने ही दिल का सताया हुआ हूँ

बेघर हूँ सब कुछ, लुटाया हुआ हूँ,
अपने ही दिल का, सताया हुआ हूँ,

घर से मेरे रौशनी, खो गई है,
जलता दीपक, बुझाया हुआ हूँ,
 
बूंदों की मुझको, जरुरत नहीं है,
अश्कों का सागर, उठाया हुआ हूँ,
 
काटों से मुझको, मुहब्बत हुई है,
फूलों को दुश्मन, बनाया हुआ हूँ,
 
अब तो तेरी, दिल्लगी जिंदगी है,
यादों में जी भर, नहाया हुआ हूँ,
 
चाहा है तुझको, हदों की हदों तक,
रब से भी आगे, बिठाया हुआ हूँ,
 
तेरे वास्ते है दुआ, भी दवा भी,
मैं गम का मरहम, लगाया हुआ हूँ.

Saturday, September 8, 2012

मैंने मुहब्बत कर ली है वो वाली

जाती नहीं मेरी, आँखों की लाली,
आदत निगाहों, को कैसी डाली,

साँसे दीवानी हैं, पागल है धड़कन,
मैंने मुहब्बत कर, ली है वो वाली,
 
दिन रात है यूँ, बेचैनी का आलम,
कर दो न घर, मेरे यादों का खाली,
 
गम से भरा है, मेरे दिल का कोना,
कैसी मुसीबत, ये मैंने है पाली,
 
रिश्ते निभाऊं, या तोडूं हर बंधन,
बजती नहीं है, अब रिश्तों की ताली.

Thursday, September 6, 2012

गम मेरा झलक गया

आँखों से जो हंसा तो सागर छलक गया,
सारा का सारा गम फिर मेरा झलक गया,

ना पलटी, ना ही देखा, इक भी बार मुझे,
मैं पीछे - पीछे उसके, मीलों तलक गया,
 
मेरी चिल्लाहट, ना मेरी आवाज सुनी,
धीरे - धीरे भारी, हो मेरा हलक गया,
 
इतना कुछ, पल दो पल में, मेरे संग हुआ,
बारिश ही बारिश, भर मुझमे फलक गया,
 
कुछ ऐसे दोस्तों, थी मेरी तकदीर जली,
चिंगारी भड़की सीने में, मैं बलक* गया.


*बलक = उबलना 

Wednesday, September 5, 2012

मैं आँखें भर-२ रोता हूँ

सोयी-२ रातों में, मैं जागा-जागा होता हूँ,
पल-२ तेरी यादों में, मैं आँखें भर-२ रोता हूँ, 

टूटा-टूटा रहता हूँ, खोई-खोई सी उलझन में,
दिल के कोने-२ में, मैं गम ही गम बस बोता हूँ,
 
चाहत की गहराई, ना मैं समझा, ना मैं जाना,
छोड़ा फूलों नें पत्थर कर, काटों में मैं जोता हूँ,
 
जीता हूँ मैं मरता हूँ, तेरे ख्यालों में अक्सर,
दर-२ मैं इस दुनिया में, जख्मों को लेकर ढोता हूँ,
 
मुस्किल है मुस्किल है, इन हालातों में मेरा जीना,
साँसों की डोरी तोड़ी है, आखिर अब मैं सोता हूँ.

Monday, September 3, 2012

प्रेम की, गिनती अढ़ाई है

नहीं पूरी प्रेम की, गिनती अढ़ाई है,
तभी मुस्किल प्रीत की, इतनी पढ़ाई है,

न जाना कोई न समझा, दिल्लगी दिल की,
बड़ी टेढ़ी रीत, नम पथ की चढ़ाई है,

तले पलकों के रखा, तुझको छुपा मैंने,
पर्ते दिल पे चाँद सी, सूरत मिढ़ाई है, 
 
जले हैं शोले, लगी है आग सीने में,
दर्द की कीमत, दिलों ने ही बढ़ाई है,

चढ़ा जादू इश्क का, इस तरह कुछ मुझपे,
मुहब्बत के नाम की, दिल पे कढ़ाई है....

Sunday, September 2, 2012

बेचैन मेरे दिल को, आराम चाहिए

बेचैन मेरे दिल को, आराम चाहिए,
तरसी निगाहों को भी, पैगाम चाहिए,

हालात हैं नाजुक, है गम का सहारा,
खामोश होंठों को थोडा, जाम चाहिए,
 
मुझको उम्रभर के लिए, हासिल दर्द है,
नमकीन अश्कों को घर में, काम चाहिए,
 
मदहोश कर पहले, जख्मों से नवाजा,
दीवानगी का बाकी अब, अंजाम चाहिए,
 
हर बार तूने तोडा, दिल का भरोसा,
अब और कुछ भी करने का, दाम चाहिए.

Friday, August 31, 2012

ठहरीं हैं कश्तियाँ, यादों के किनारे

खंज़र वो सितमगर, लफ़्ज़ों से उतारे,
ठहरीं हैं कश्तियाँ, यादों के किनारे,
 
 उलझन है बेबसी, छाई है उदासी,
मैं तन्हा रह गया, अश्कों के सहारे,
 
मंजिल है दूर, मुस्किल है राह दोस्तों,
अब नज़रों को, नहीं जंचते है नज़ारे,
 
चुभते हैं फूल, काटों से रोज़ मुझको,
फूलों को कौन है, आखिर जो सुधारे,
 
ताज़ी -ताज़ी रही, हर पल याद मुझमे,
बुझती हर सांस आजा, तुझको पुकारे.......

Thursday, August 30, 2012

वादों में हैं दरारें, टूटी है कसम

वादों में हैं दरारें, टूटी है कसम,
जख्मों से जख्म खाके, जख्मी हैं जखम,

यादों के संग है अश्कों का सैलाब,
बहकी-२ हवा है, बहंकें  हैं कदम,

उमीदों का गलीचा, नम है ग़मगीन,
कातिल, बेवफा है दुश्मन मेरा सनम,

धड़कन की ये उदासी, अब है दिन रात,
लाखों की भीड़ में दहशत है हर कदम, 

मेरे लिए था खुदा से बढ़कर ये इश्क,

समझा जब प्यार तो टूटा मेरा भरम.


Sunday, August 26, 2012

जख्मों की मुझको, है दौलत नवाजी

जख्मों की मुझको, है दौलत नवाजी,
यादों में जिन्दा, है हर बात ताजी,

नम-2 सी है, भीगी-2 निगाहें,

हारी है मैंने, जीती आज बाजी,

अक्सर सीने में, होती हैं हलचलें,

मरने को साँसे, हैं तैयार राजी,

कहते हैं नैना, सब मेरी कहानी,

पढ़ धीरे-२ , क्या है जल्दबाजी,

कहते हैं सब,  तुम झूठी बेवफा हो,

लेकिन तुम ये, कह दो है झूठ नाजी....

Saturday, August 25, 2012

सीने पर से हांथों को, जो मैं हटा लूँ.......

खुशियाँ सारी तेरी, दिक्कत मैं उठा लूँ,
चाहत के लिए इतना, साहस मैं जुटा लूँ,

पूजा तुझको मैंने, माना है खुदा भी,
मंदिर है दिल में तुझको, आ मैं बिठा लूँ,

मांगी है रब से, खुशियाँ तेरी दुआ में,
तेरे गम सारे खुद पे, खुद मैं लुटा लूँ,

ख्वाइश हो ना पायी, पूरी जिंदगी की,
बाहों में तेरी दो पल, ही मैं बिता लूँ,

चलते-चलते थम ना जाएँ, धडकनें ये,
सीने पर से हांथों को, जो मैं हटा लूँ......

Thursday, August 23, 2012

लगता है अब मेरा, मौत से मिलन है

जो प्यारा था जीवन, अब वही कफ़न है,
जख्मों से टूटा - टूटा, हुआ बदन है,

गुमसुम है धड़कन, चुपचाप हैं होंठ भी,
दिल का मेरे अब तो, हो चुका निधन है,

मैं, वो कैसे जाऊं, भूल तेरी अदा,
यादों से तेरी, होने लगी चुभन है,

तन्हा था तन्हा, ही रह गया दिल सदा,
बाहर बेचैनी, भीतर दर्द है घुटन है,

बिखरा है ख्वाबों का, फूल गिर टूटकर,
लगता है अब मेरा, मौत से मिलन है........

Wednesday, August 22, 2012

सूखते मेरे लबों को भीगता सावन बना

जान का सारा ज़माना आज है दुश्मन बना,
प्यार तेरा वाकई दिन रात का उलझन बना,

डूब कर आराम कर है नींद आँखों में भरी,
टूट ख्वाबों से बड़ा ही दूर का बंधन बना,

चुन लिया मैंने तुझे, अब धडकनों का खुदा,
पूजने को दिलनशीं इक बार तुझको मन बना,

बात इतनी सी नहीं जो बोल दूँ इक सांस में,
साथ तेरा दो पलों का अब मिरा जीवन बना,

घोलकर अपनी निगाहों से पिला गम घूंट भर,
सूखते मेरे लबों को भीगता सावन बना...............

Monday, August 20, 2012

आँखों से मेरे दोस्त, ना निशाने का शौक रख

आँखों से मेरे दोस्त, ना निशाने का शौक रख,
पागल दिल है, दिल से दिल ना लगाने का शौक रख,

गायब हो ना जाये, ये नींद आँखों से रात की,
यादों में इतना खुद को ना जगाने का शौक रख,

चाहत में थोडा तो रख तू भरोसा, शक छोड़ दे,
लम्हा-लम्हा ऐसे, ना आजमाने का शौक रख,

राहों पर बिखरे हैं पत्थर, ज़रा चल, संभल ज़रा,
ठोकर हैं दुश्मन, दोस्त ना बनाने का शौक रख,

आ सकती है फिर ये पागल हवा, लेकर जलज़ला,
 तूफानों को अपने घर ना बिठाने का शौक रख............

Sunday, August 19, 2012

यादों का मखमली गम

यादों का मखमली गम ओढ़, सो नहीं पाता,
सब जाना चाहता हूँ भूल, हो नहीं पाता,

आया आराम ना मुझको दुआ, दवा भायी,
आँखों में झलकता है अश्क, रो नहीं पाता,

मैं प्यासा इक समंदर हूँ, कई महीनों से,
मुझको दीवानगी है याद, खो नहीं पाता,

पागल हो, भूल बैठा रात और दिन सारे,
पल दो पल का सुकूं हो चैन ढो नहीं पाता,

जिसको मैं ढूंढता हूँ हर घडी उदासी में,
करके बेताब मिल हर रोज़, वो नहीं पाता......

Thursday, August 16, 2012

मामला है दिल्लगी का

मामला है दिल्लगी का और कोई बात नहीं,
उलझनों में घिर चुका हूँ चैन मेरे साथ नहीं,

भूल जाऊं मैं तुझे या रोज़ तुझको याद करूँ,
सुबह ना अच्छी लगे ये शाम भी कुछ खास नहीं,

अजब सी ये कशमश, है डंसती हर रोज़ मुझे,
जिंदगी उलझी कहीं अब ठीक भी हालात नहीं,

फूल मुझको चुभ रहे हैं, हौंसला है पस्त हुआ,
जख्म मुझमे पल रहे हैं, सु:ख की बारात नहीं,

टूट कर बिखरा हूँ ऐसे जख्म पाये चोट लगी,
और वो बोले कि इसमें यार मेरा हाँथ नहीं...............

Monday, August 13, 2012

कुछ-२ सबको बांटे दिल

बोयें नैना, काटे दिल,
कुछ-२ सबको बांटे दिल,  

खुशियाँ मातम, लाये गम
सूखी पलकें,  कर दे नम,
जख्मों को है छांटे दिल,
कुछ-२ सबको बांटे दिल,

पल में ज्यादा, पल में कम,
लाये बारिश, का मौसम,
वादा करके नाटे दिल,
कुछ-२ सबको बांटे दिल,

साँसे, धड़कन जाये थम,
बहती आँखें , हैं हरदम,
यादों के भरदे कांटे दिल, 
कुछ-२ सबको बांटे दिल,

ठहरें रातें जाएँ जम,
बरसे बेचैनी छम-२,
फैलाता सन्नाटे दिल,
कुछ-२ सबको बांटे दिल.........

Sunday, August 12, 2012

कुल्हाड़ी से ख्वाबों पे वार हो

धोखा नैनो को तेरे स्वीकार हो,
तुझको भी तेरे जैसे से प्यार हो,
 

तू भी तडपे छुप-२ के रोये कभी,
तेरे गालों पर अश्कों की धार हो,
 

गायब तो तेरी रातों की नींद औ,
गम-ए-कुल्हाड़ी से ख्वाबों पे वार हो,
 

बिगड़ी हालत चिंता हो मजबूरियां,
हर लम्हा अब तेरा दिल बीमार हो,
 

गीला-गीला दिल का कोना हर घडी,
भीगी - भीगी यादों की दिवार हो.......... 

Wednesday, August 8, 2012

कीमत दर्दे दिल की अदा कर दे

कीमत दर्दे दिल की अदा कर दे,

तू खुद को मेरा खुदा कर दे,

आ जा वापस जिंदगी में फिर,

चाहे सांसों से जुदा कर दे,

गम में जीना हो न हो मरना,

ऐसा मौसम तू सदा कर दे,

तिरछी नज़रों से चला जादू,

मुझको खुदपे तू फ़िदा कर दे,

बेबस लब कह ना सके कुछ भी,

कार्य इतना बेहुदा कर दे.....

Friday, August 3, 2012

जिन्दा हूँ मुझमे अगर तुम हो

साँसों पे छाई खबर तुम हो,
मेरी आँखों की नज़र तुम हो,

हंसा हूँ पाकर साथ तुम्हारा,
खुशियों में होता असर तुम हो,

मर जाऊँगा मैं भूल ना जाना,
जिन्दा हूँ मुझमे अगर तुम हो,

पाके इतना मदहोश हूँ तुमको,
मेरे सपनों का नगर तुम हो,

लाऊँगा तारे फलक से मैं,
तुम्ही जां मेरी जिगर तुम हो........

Wednesday, August 1, 2012

राह वो पगली बदलती नहीं

आह जो दिल से मेरे निकलती नहीं,
राह वो पगली शायद बदलती नहीं,

रोज़ मरता हूँ, जीता हूँ कभी-कभी,
हाल देख कर भी थोडा पिघलती नहीं,

खो गई पाकर, तुमको जिंदगी कहीं,
आज कल तबियत भी तो मचलती नहीं,

रूबरू आँखों में है, चेहरा तिरा,
अश्क बहते हैं, पर वो मसलती नहीं,

बात आती थी सारी, याद रात भर,
सांस सीने में रुकी, टहलती नहीं.......

Monday, July 30, 2012

खाल ओढ़े मानवों का आ गया शैतान है

अजनबी पर ना भरोसा कर अभी सुनसान है।
लूट कर सब चल बसेगा साथ जो सामान है।।

पूंछता बेटा नहीं अब हाल अपने बाप का।
यह हमारे वक़्त की सबसे सही पहचान है।।

शोर गलियों में मचा है, वो बनी दुल्हन मिरी।
प्यार मेरा आज देखो चढ़ रहा परवान है।।

इश्क से ये दिल हमेशा यार क्यूँ डरता रहा।
इश्क तुमको पा लगा मुझको बड़ा आसान है।।

ताड़ते इज्ज़त घरों की फिर दुशाशन रूप में।  
खाल ओढ़े मानवों का आ गया शैतान है।।

Sunday, July 29, 2012

आज भी अनजान है

छीन बैठा इश्क जिसका सांस दिल से जान है,
मौत से मेरी वही बस आज भी अनजान है।

जिंदगी भर भागता था मौत के अंजाम से,
पर रहा क़दमों तले हर रोज़ ही शमशान है।

मान हो सम्मान, आदर भाव की हो भावना,
"यह हमारे वक़्त की सबसे सही पहचान है"

छोड़ बेशक से गयी माँ तू मुझे संसार में,
आज भी माँ याद तेरा रूप ही भगवान है।

ताकती मेरी निगाहें राह जिस इंसान की,
लौट कर आया नहीं वो आ गया तूफ़ान है।

Friday, July 27, 2012

201 पोस्ट कुछ और शे'र

प्यार से मुझको, अनमोल नगीना दे दो,
जिंदगी को बस , इक और महीना दे दो,

हम जितना उनको देख मुस्कुराते चले गए,
वो उतना ही दिल कसम से दुखाते चले गए,

हुस्न की फिर से, कुछ अदाएं ढूंढ़ लाया हूँ,
आज अपनी खातिर, सजाएं ढूंढ़ लाया हूँ.....

दे धोखा फिरसे, तू फिर दिल्लगी कर ले,
अपनी वश में, तू मेरी हर ख़ुशी कर ले.....

मुझको नशा हुआ जैसे शराब का,
जो गम पढ़ लिया तेरी किताब का......

शायद मैं नहीं रहा

दोस्त ....दोस्त वो नहीं रहा,
दिल के मारे, दिल नहीं रहा,


बहता पानी, आँख में नमी,
सागर छूटा, अब नहीं रहा,
 

धड़कन धीमी, और हो गयी,
काबू खुद पर, जो नहीं रहा,
 

अब बस तेरा, इंतज़ार है,
इतनी जल्दी, सो नहीं रहा,
 

रुकी सांसे बस, अभी -अभी,
शायद सच में, मैं नहीं रहा..........

Wednesday, July 25, 2012

कुछ शेर

मुझको भी जिंदगी की, जरुरत बना गई,
वो नज़रों से छु मुझे, खूबसूरत बना गई //

आँखों से तोड़ गयी, ख्वाबों की पंखुड़ियों को,
कांटो ने छोड़ दिया, जख्मी कर उंगलियों को //

देख तुझको निगाहों, में भर आया पानी,
देन है ये हसीनो की, है मेहरबानी //

लगा था मेला, मैं नीलाम हो गया,
कि दिल का सौदा, मेरा काम हो गया //

क्या कहूँ उसको समझ नहीं आता,
दिल में रहता है, घर नहीं आता //

ज़रा सी बात कह दी तो मलाल कर गई,
बुरा वो मान बत्तर, और हाल कर गई //

आदमी

आदमी को कर रहा है, तंग आदमी,



सभ्यता सीखा गया बे-ढंग आदमी,



कोशिशें कर-2 हुआ है, कामयाब अब,



आसमां में भर रहा है, रंग आदमी,



देख के लो हो गयीं, हैरान अंखियाँ,



ओढ़ बैठा है, बुरा फिर अंग आदमी,



सोंच के ना काम कोई आज तक किया,



जी रहा इन्हीं आदतों के, संग आदमी,



दूसरों के दुःख को हरदिन, बढाता था,



हाल अपना जान अब है, दंग आदमी............

Monday, July 23, 2012

इक तरफ - इक तरफ

इक तरफ सुन्दर, जग-जमाना,
इक तरफ लुटता, मैं खज़ाना,
इक तरफ प्याला, है मदहोश,
इक तरफ लब, मेरे खामोश,
इक तरफ बिजली, हैं बादल,
इक तरफ आशिक, मैं पागल,
इक तरफ सागर, है गहरा,
इक तरफ खाली, मैं ठहरा,
इक तरफ खुशियों, के मौसम,
इक तरफ गम में, मैं हरदम,
इक तरफ मस्ती, में सावन,
इक तरफ सूना, मैं आँगन,
इक तरफ क़दमों, में मंजिल,
इक तरफ टूटा हूँ, मैं दिल,
इक तरफ हंसती, है बस्ती,
इक तरफ प्यासी, मैं धरती,
इक तरफ जलती, है आग,
इक तरफ साबुन, मैं झाग,
इक तरफ महफ़िल सुर ताल,
इक तरफ गुजरा, मैं साल,
इक तरफ दुश्मन दिल दीवाना,
इक तरफ जंगल, मैं वीराना...............

Sunday, July 22, 2012

हम कंटीले थे

वो कोमल थे, हम कंटीले थे,


आँखें सूखीं थी, हम गीले थे,


रास्ते फूलों के, पथरीले थे,


जख्मी पग, कांटें जहरीले थे,


ढहे पेंड़ों से, पत्ते ढीले थे,


बिखरे हम, कर उसके पीले थे,


नाजुक लब, नयना शर्मीले थे,


घर में बदबू थी, हम सीले थे,


हम फीके भी ,हम चमकीले थे..........

Friday, July 20, 2012

पानी था या हवा था

पानी था, या हवा था,
वो किस दिल, की दुआ था,


ठंडा मौसम, कड़ी लू
वो गम था, या दवा था,
 

लगता था, वो खुदा पर,
किस्मत था, या जुआ था,
 

बेवजह तबियत, जुदा थी,
शायद हमे, कुछ हुआ था,
 

बहता आंसू, मेरा ही,
घायल नस को, छुआ था.

उम्मीदों का कोना

लहू से लथपथ,  उम्मीदों का कोना है,
कि मैं घडी भर हूँ जागा, उम्र भर सोना है,

मिला लुटा हर लम्हा, जीवन का तिनका सा,
लबों पे रख कर लफ़्ज़ों को, जी भर रोना है,

छुड़ा के दामन अब वो दोस्त, अपना बदला,
मिला के आँखों का गम, सारा आलम धोना है,

जिगर में रखता हूँ, जलता -बुझता शोला फिर भी,
तेरी ख़ुशी की खातिर, दुःख अपना संजोना है,

कभी-कभी जब तबियत, दिल की बिगड़ी मेरे यारों,
निकाल साँसों को अपना दम खुद ही खोना है..........

Thursday, July 19, 2012

दिल तुझसे ज़रा खफा है

नाराज हूँ मैं, दिल तुझसे ज़रा खफा है,
मासूम भोली, सूरत ने दिया दगा है

खंज़र ये आँखों का, दिल में उतार डाला  
हमेशा के लिए मुस्किल, जख्म मुझे मिला है,

डर डर के जिंदगी को, जीने से मौत बेहतर,
कैसा ये दर्द दिलबर, सीने में भर दिया है,

मुझे रात भर रुला, ताकि ये आँख नम हो,
दुश्मन से दोस्त बन, संवर रही हवा है

धड़कन के रास्ते, साँसों में समां गयी जो
वो हुस्न का जादू, बातों में सदा रहा है..........

Saturday, July 14, 2012

ये दिल दिल्लगी के, बिलकुल खिलाफ है

शीशे की तरह दिल में, इक बात साफ़ है,
ये दिल दिल्लगी के, बिलकुल खिलाफ है,
खता इतनी थी कि उसने, मज़बूरी नहीं बताई,
फिर भी उसकी गलती, तहे-दिल से माफ़ है,
लगने लगी है सर्दी, अश्कों में भीगने से,
इतना हल्का हो गया, तन का लिहाफ है,
हर आस मर चुकी है, बस सांस ऑन है,
और दिल भी जल-२ के, बुझ हुआ ऑफ है,
मौत है कि बक्श देती है, मुझको बार-बार,
तेरे बाद जिंदगी में, अब जीने का खौफ है.....

Friday, July 13, 2012

तेरी याद आती है माँ

दिल खोलकर सखियों में मेरा ज़िक्र करती थी,
ज़रा सी देर क्या हो जाए बहुत फिक्र करती थी.........

तेरी याद आती है माँ, हाँ सच है माँ, बहुत याद आती है माँ......
अश्क आँखों में जब आता है, दर्द जब मुझको सताता है,
जब उदास हो जाता है मन, जब बढ़ जाती है उलझन,
तेरी याद आती है माँ, हाँ सच है माँ, बहुत याद आती है माँ......

जब सुबह कोई समय पर उठाता नहीं, चाय से भरा प्याला दिखाता नहीं,
जब सर पे कोई हाँथ रख कहता नहीं, बेटा देर हो जाएगी उठ जा,
तेरी याद आती है माँ, हाँ सच है माँ, बहुत याद आती है माँ......

जब आवाज नहीं आती कानो में, कि ज़रा ध्यान से गाडी चलाना,
दफ्तर पहुँच कर मुझे तुम बताना, समय पर बेटा खाना है, खाना,
तेरी याद आती है माँ, हाँ सच है माँ, बहुत याद आती है माँ......

लौटकर शाम को जब घर आता हूँ, खाली कुर्सी पर जब तू दिखती नहीं,
आज का दिन कैसा गुजरा, जब न पूंछे कोई.
तेरी याद आती है माँ, हाँ सच है माँ, बहुत याद आती है माँ......

देर हो या सबेर कोई रोकता नहीं, ग्लास भर पानी को टोकता नहीं,
सर में दर्द जब-जब चढ़ जाता है, हद से ज्यादा जो ये बढ़ जाता है,
तेरी याद आती है माँ, हाँ सच है माँ, बहुत याद आती है माँ......

दोस्तों के घर मैं जब जाता हूँ, अपनी माँ से मुझे जब वो मिलवाते हैं,
जब - जब पूंछे है वो घर में कैसे है सब.
तेरी याद आती है माँ, हाँ सच है माँ, बहुत याद आती है माँ......

बे-रौनक पापा का जब-जब चेहरा दिखा, दर्द उनके भी चेहरे पर था लिखा,
बात दिल कि जब पापा छुपाते हैं माँ, समय कैसे तेरे बिन बिताते हैं माँ,
तेरी याद आती है माँ, हाँ सच है माँ, बहुत याद आती है माँ......

नज़रें जब दिवार पर चढ़कर आपकी मुस्कुराती तस्वीर देखती हैं,
आसमान में जब सारे तारे जगमगा के आपस में बातें करते हैं,
तेरी याद आती है माँ, हाँ सच है माँ, बहुत याद आती है माँ......

चाँद कि किरणे जब खिड़की पर दस्तक देती हैं,
और चंदा मामा कि कहानी याद आती है,
तेरी याद आती है माँ, हाँ सच है माँ, बहुत याद आती है माँ......

आसमां जब धरती कि याद में आंशू बहाता है,
समंदर जब किनारों को डुबो जाता है,
सबेरा जब सूरज कि बिंदिया सजाता है,
तेरी याद आती है माँ, हाँ सच है माँ, बहुत याद आती है माँ......

घर में बस्ती ये ख़ामोशी, और जब-२ घर आये मौसी,
तेरी याद आती है माँ, हाँ सच है माँ, बहुत याद आती है माँ......

मेरे जीवन कि अनमोल सबसे चीज़ ले गया,
मेरी माँ को मुझसे छीन डायबिटीज़ ले गया....

Thursday, July 12, 2012

तेरा नाम भूल जाऊं

बस दो घूंट पियूँ , और सारा जाम भूल जाऊं
कि तुझे याद करूँ, और तेरा नाम भूल जाऊं,
जीवन के सफ़र में कहीं, तू मिले जो दुबारा,
तेरा हाल पूंछू , और क्या था काम भूल जाऊं,
मिलने को तुझसे, जब भी सजाऊं कोई रात,
मारे ख़ुशी के मैं तो वही, शाम भूल जाऊं, 
वैसे तो दिल की याद है, हर बात मुंहजबानी,
पर लिखते वक़्त क्या था, पैगाम भूल जाऊं,
आज चाहता हूँ कह दूँ, पर जान का है खतरा,
मैं क्या करूँ की बाद का, अंजाम भूल जाऊं.......

पलटके हंस गई जबसे

पलटके हंस गई जबसे,नज़र में बस गई तबसे,
समंदर से निकलती लहरें,किनारा रस गई जैसे,
दिल से खेल खेला है, लगा उल्फत का मेला है,
याद जब तेरी आई तो सांसे फंस गई फिरसे,
बड़े शातिर खिलाडी हैं, हम समझे अनाड़ी हैं,
देखकर मुझको राहों में नज़रें फेर गई मुझस.....

Wednesday, July 11, 2012

दिल लगाने को तुला है

नापाक इरादे से दिल लगाने को तुला है,
इक शक्स मेरी हस्ती मिटाने को तुला है,
हजारों किये हैं जुर्म मगर सजा कोई नहीं,
मुझको भी गुनाहों में फ़साने को तुला है,
सौदागर है, दिलों का व्यापार करता है,
धंधा है यही वो जिसको, बढ़ाने को तुला है,
धमकी दे रहा है, सीने पर मेरे चढ़कर,
जालिम है जबरजस्ती, डराने को तुला है,
आता है नए - नए रोज़, दावं सीख कर,
मेरे जीवन को जुए में, हराने को तुला है....

रात उधार मांगता हूँ

बस नींद भरी रात उधार मांगता हूँ,
दिल के लिए जज़्बात उधार मानता हूँ,
कोई तोड़ जाये जो होंठो से मेरे चुप्पी,
कुछ लफ़्ज़ों की सौगात उधार मानता हूँ,
मुमकिन नहीं है फिर तसल्ली के वास्ते,
गूंगे लबों पे इक बात उधार मांगता हूँ,
सांसो की चाल थोड़ी धीमी पड़ गयी है,
कुछ दिन जीने के हालात उधार मांगता हूँ,
फुटपाथ पर बसे कुछ भूंखे पेटों को,
थोड़ी दाल थोड़े भात उधार मांगता हूँ...........

ज़रा सी बात

ज़रा सी बात बोलो तो बताना हैं बना लेते,
उठा - गिरा कर पलकें फ़साना हैं बना लेते,
कहानी रच लेते हैं, जुबां से लम्बी चौड़ी वो,
पत्थरों को ज़रा छूकर, खज़ाना हैं बना लेते,
निगाहें रूठ जाएँ तो, बस्तियां लुट जाती हैं,
अपने आगे पीछे इक, जमाना हैं बना लेते,
यादों के बीते पल जब - जब जाग जाते हैं,
मेरी सारी खुशियों का हर्जाना हैं बना लेते.....

समस्याओं का समाधान चाहिए

बढ़ती हुई समस्याओं का, समाधान चाहिए,
इंसान के अवतार में, फिर भगवान चाहिए,
मुश्किलों से घिरी हुई है,अपनी जन्म-भूमि,
अब एक जुझारू योद्धा,बड़ा बलवान चाहिए, 
बैठे हैं भ्रष्ठाचारी, हर मोड़ हर कदम पर,
अब इनकी खातिर,एक नया शमशान चाहिए,
नज़रों में झलकती खोट, घरों में रखे भर-२ नोट,
आँधियों से बात नहीं बननी,आज तूफ़ान चाहिए.....

मैं तेरे बिन निकल आया

छोड़ कर उल्फत की गलियां, मैं तेरे बिन निकल आया,
जलाया जब रातों में मुझको, इक नया दिन निकल आया,
दिल में दफनाई थी यादें, आज जो फुर्सत में खोदीं,
बे-दर्द जिन्दा जख्मों का, वही पल-छिन निकल आया,
सोंचकर रात भर जागे, सबेरा कल नया होगा,
मगर बीता वही समय उठ के , प्रतिदिन निकल आया,
गुमसुदगी की राहों पर, भटकता छोड़ गया मुझको , 
वही मंजर था जो मेरे दोस्तों, बड़ा कठिन निकल आया,
किताबें खोल कर हैं बैठी, यादों से लहुलुहान वही पन्ने,
पढ़ते - पढ़ते तेरा दिया हुआ, मुझमे चिह्न निकल आया....

Monday, July 9, 2012

मुस्कुराना भूल आये हैं

ख़ुशी से हंसते-हंसते लब, मुस्कुराना भूल आये हैं,
आज हम अपने ही घर का, ठिकाना भूल आये हैं,
यादों के सब लम्हे , यादों से मिटाकर हम,
उसके साथ वो गुजरा, जमाना भूल आये हैं,
बुझाकर रख गई जब वो, सुहाने साथ बीते पल,
सुलगता यादों का वो पल छिन, जलाना भूल आये हैं,
लगी जब चोट हकीकत की, जग गई नींद से आँखें,
बंद आँखों पर ख्वाबों को, सजाना भूल आये हैं,
उसे खुशहाल रखना, इस दिवाने दिल की आदत थी,
अब उसकी खातिर अपने अश्क, बहाना भूल आये हैं....

Sunday, July 8, 2012

नैनों के अनोखे रूप

मन को आहत कर गए नैनो से निकले बाण,
नैना अद्भुत लीला रच , ह्रदय से हरते प्राण.....

प्रभु के दर्शन हो गए, जब नैनो के खुल गए द्वार,
नैनों की नदियाँ बह रहीं, बिन मांझी मजधार.....
मुख से बोला न गया बोल गए सब नैन,
मीठी भाषा बोल कर छीन गए हैं चैन,

छोटे -२ शब्दों को ध्यान से ढूंढते नैना,
दो शीशों के नीचे से हैं कैसे घूरते नैना,
हुए जब बूढ़े तन तो बने पथरीले हैं नैना,
सूखी - २ पलकों के, नीचे गीले हैं नैना,
गरीबी के साये में दिखते भूखे हैं नैना,
घिर के आया है सावन, फिर भी सूखे हैं नैना,
दया में भीगे हैं नैंना, हया भी सीखे हैं नैना,
सुन्दर मखमली सूरत पे दो अनोखे हैं नैना............
झुर्रियां पड़े चेहरों पे हो गयी धुंधली हैं अँखियाँ,
तकलीफें सह-२ के बन बैठी बदली हैं अँखियाँ,


थोडा गौर से देखो , निगाहों में समंदर है,
प्रेम का रास्ता जाता सदा गम के अंदर है,
जुबां पर लौट आये हैं, सारे शब्द दर्द के,
दिलों से खेलने वाला, वो शातिर सिकंदर है,
मरता क्या नहीं करता, दिलपे जोर नहीं चलता,
बड़ी मासूम हर अदा, वो फूलों से सुंदर है.....


Saturday, July 7, 2012

नयन

दो नैनो से बोल गई अपने मन की बात,
खुद नैना बंद सो रही, मैं जागूं दिन-रात,
आग लगा कर सुलग रहे, हैं मेरे जज़्बात,
सूखे - सूखे नैनों से, बहे प्रेम बरसात......

समझे प्राणी न कभी नैनो की हर बात,
नैनो के मीठे बोल तो है नैनो में बरसात,
नैनो में उजियाला है नैनो में बसी है रात........

नैना भोले भाले हैं, नैना हैं बदमाश,
नैनो में बसी शरारत, नैनो में विश्वास,
नैनो के कारण लगे सभी दिलो में आग,
नैनो में दूरी न रही, जाओ कितना भाग....



नयन में नीर रखे हैं, नयन में तीर रखे हैं,
नयनों में न जाने कितने गहरे क्षीर रखे हैं,
सूरमा हों बड़े कितने नयन से हार जाते हैं,
निहत्थे हैं मगर कितने यूँ ही मार जाते हैं,
नयनों में छुपी चुप्पी नयन ताड़ जाते हैं,
मरुअस्थल कभी तो बन आषाढ़ जाते हैं,
नयन रोकते भी हैं, नयन टोकते भी हैं,
कभी गहरी खाई में लाकर झोंकते भी हैं,
नैनों के अनेखों रूप, पल में छाया पल में धूप
नैनों में कई मौसम, बराबर रखते खुशियाँ-गम.....

नयन दुनिया दिखाते हैं, नयन दुनिया छुपाते हैं,
नयन आंशू बहते हैं, नयन मुस्कान लाते हैं,
नयन इंसान जगाते हैं, नयन सुख-दुःख दिखाते हैं,
नयन गलती बताते हैं, नयन परख सिखाते हैं.......


कभी तीखे ये औज़ार, कभी छींटे और बौछार,
कभी जो मीठे बोलें बोल, रस जीवन में देते घोल,
कभी तेवर हैं रंग-रंगीले, कभी दिखते हैं भड़कीले,

कभी करते हैं मनमानी, कभी बरसाते जमकर पानी,
कभी झुक करके करें हया, कभी उठ करके करें दया,
कभी तोड़ जाते हैं ये दिल, कभी हर जाते हैं मुस्किल,
कभी दिल से गए उतर, कभी दिल में कर गए घर,
कभी लिख जाएँ कई कहानी, कभी दे जाएँ कई निशानी,
कभी हो जाएँ जब मजबूर, ले जाते हैं मीलों दूर,
कभी सपने सजाते हैं, कभी हरदम जगाते हैं,
कभी खुद रूठ जाते हैं, कभी खुद को मनाते हैं,
कभी लाचार हो देखें, कभी तलवार ये फेंकें,
कभी मुस्किल बने भाषा, कभी आसान सी आशा,
कभी सच झूंठ की दे पहचान, कभी बन जाती हैं अनजान,
कभी रिश्तें करें शुरुआत, कभी इक भी न बोलें बात...


नियत की पहचान नयन करें, किसी पे कुर्बान नयन करें,
छुपाकर धोका तले पलकों के, दिलों को हैरान नयन करें,
गिरा कर धूल कर दे, उठा कर अमूल कर दे,
चाव से अपनी पसंद कर बड़ा सम्मान नयन करें....


नयन ही नीर रखते हैं, ह्रदय की पीर रखते हैं,
नयन उत्सुक भी होते हैं, नयन ही धीर रखते हैं, 
नयन इकरार करते हैं, नयन इनकार करते हैं,
नयन दुत्कार करते हैं, नयन ही प्यार करते हैं.......